बीकानेर (हैलो बीकानेर न्यूज़)। एक रचनाकार अपने परिवेश से अनुभव और अनुभूतियां ग्रहण करके उन्हें ही अपनी रचनाओं के रूप में रचता है । ये विचार वरिष्ठ कवि एवं समालोचक भवानीशंकर व्यास ‘विनोद’ ने शनिवार को अरुण प्रकाशन की ओर से आयोजित प्रमिला भार्गव के कविता संग्रह ‘मन के आकाश में’ का लोकार्पण करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि प्रमिला भार्गव का रचना संसार बहुआयामी है, वह अपने समय से संवाद करता है ।
कथाकार एवं उपन्यासकार श्रीमती आनंद कौर व्यास ने कहा कि नारी विमर्श एक महत्वपूर्ण साहित्यिक आंदोलन है, प्रमिला भार्गव की कविताएं नारी के मौन को मुखरित करती हैं । डॉ कृष्णा आचार्य ने ‘मन के आकाश में’ काव्य संग्रह को साहित्यिक दृष्टिकोण से विशिष्ट रचना कर्म बताया । कवि -कथाकार राजाराम स्वर्णकार ने कवयित्री प्रमिला भार्गव की कविताओं के अध्यात्मिक पक्ष को रेखांकित करते हुए कहा की उनकी रचनाएं जीवन के सत्य से साक्षात्कार करवाती हैं । युवा कवयित्री मीनाक्षी स्वर्णकार ने लोकार्पित कृति पर पाठकीय टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रमिला भार्गव की कविताएं संभावनाओं के नए द्वार खोलती हैं साथ ही पाठक को चिंतन के अनेक अवसर प्रदान करती हैं ।
इस अवसर पर वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. ज्योत्सना ओझा ने कहा कि बीकानेर साहित्यिक और सांस्कृतिक दृष्टि से छोटीकाशी के नाम को सार्थक करती है । कवि कथाकार संजय आचार्य वरुण ने कहा कि कविता अपने भीतर के अव्यक्त को व्यक्त करने का सर्वथा मौलिक माध्यम है। उन्होंने कहा कि प्रमिला भार्गव का रचना कर्म सरल, सादगी भरा किंतु ईमानदार रचना कर्म है। इस अवसर पर प्रमिला भार्गव ने अपनी चुनिंदा रचनाओं का पाठ किया। कार्यक्रम में टी के गहलोत, मनोज महात्मा, रुचि भार्गव, मनीष भार्गव, पूजा भार्गव एवं अन्य अनेक साहित्य अनुरागी उपस्थिति थे।जगदीश प्रकाश आचार्य ‘अमन’ ने आगंतुकों का आभार ज्ञापित किया।