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बीकानेर । वैसे तो मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद कई तरह की अनूठी योजनाएं चलायी है लेकिन अचानक से काला धन को लेकर एक दिवस पूर्व अचानक से सबको चौंकाते हुए उन्होंने 500 व 1000/- रुपए के नोटों को बंद करने एक ऐसा कदम उठाया जिससे देश के इतिहास में वे हमेशा इस कार्य के लिए याद किए जाएंगे लेकिन इस समस्या से इस कृषि प्रधान देश भारत में आने वाला विदेशी पर्यटक जिसे अतिथि देवा भव: की संस्कृति के तहत ‘भगवान’ का दर्जा दिया जाता है उनके लिए बड़ी विकट समस्या पैदा कर रहा है। भले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस ‘स्कीम-घोषणा’ से मध्यमवर्गीय लोगों को तो फायदा होगा तो काला धन समाप्त होने के कगार पर पहुंच जाएगा लेकिन बुधवार को बीकानेर आए विदेशी सैलानियों को भारी संकटों का सामना करना पड़ा। बीकानेर शहर के ऐतिहासिक जूनागढ़ किला देखने पहुंचे फ्रांस, इटली, जर्मनी सहित अनेक देशों से आए विदेशी सैलानियों को जूनागढ़ किले का दीदार देखना नसीब नहीं हुआ कारण उनके चेहरे पर साफ झलक रहा था, उनके पास 500/- व 1000/- के ही नोट थे और जूनागढ़ किले में बैठे कर्मचारी ने मना कर दिया। काऊंटर पर एक पेपर पर लिखा था कि ‘करंसी ऑफ 1000/- एण्ड 500/- नोट एक्सेप्टेबल’। इससे सैलानी मायूस होकर लौट गए। काफी तादाद में पहुंचे सैलानी बोल भी पड़े ‘दिस इज नोट फेयर इन इंडिया’ वाई ! उधर मोदी ने मंगलवार रात्रि पांच सौ और एक हजार के नोट बंद करने का ऐलान किया तो लोगो में अफरातफरी का माहौल बुधवार को भी देखने को मिला। शहर में अचानक रेस्टोरेंट और कई होटल संचालकों ने पांच सौ और एक हजार का नोट लेना बंद कर दिया। जिससे सैलानियों को भारी परेशानी उठानी पड़ी। दिल्ली से आये देशी सैलानी मोहनलाल का कहना है कि पांच सौ और हजार के नोट कैश लेकर ही घर से आये थे लेकिन चाय, नाश्ता करने के लिए एक रेस्टोरेंट में गये तो बे्रकफास्ट करने के बाद पांच सौ का नोट दिया तो रेस्टोरेंट संचालक ने पांच सौ का नोट लेने से मना कर दिया। उन्होंने बताया कि वे जोधपुर से चार दिन के लिए घूमने आये थे, लेकिन अब वापस जा रहे हैं। साथ ही साथ वे जब बीकानेर पहुंचे तो रास्ते में भी टोल टैक्स वालों ने भी काफी दिक्कतें की और रुपए नहीं लेने से वे यहां पहुंचने में भी लेट हो गए।
—- टूटा सपना जूनागढ़ देखने का ! —
बीकानेर का जूनागढ़ देखने आए विदेशी पर्यटकों, टूर ऑपरेटर्स से 500 व 1000 रुपए के नोट नहीं लिए जा रहे थे इससे पर्यटकों व टूर ऑपरेटर्स को परेशानी हुई। छोटे नोट देने पर ही उन्हें टिकट दिए जाने की बात कही जा रही है। जूनागढ़ देखने के मीठे सपने संजोए पर्यटकों का दिल टूट सा गया है क्योंकि नोटों की बंदी के चलते उन्हें टिकट नहीं मिला। इससे उन्हें जूनागढ़ के दीदार से वंचित ही रहना पड़ा। पर्यटकों का कहना था कि आज एटीएम भी बंद है वहीं दिनभर कुछ खाने-पीने और जाने के लिए कैसे व्यवस्था हो उस पर भी उन्हें दिक्कतें हुईं। ब्रिटेन से
आए दम्पत्ति मार्क बू्रशेल्स व उनकी पत्नि सेरिया का कहना था कि सरकार को ऐसा निर्णय लेने से पहले सभी इंतेजाम करने चाहिए थे वहीं न्यूजीलैण्ड से आए क्रिस ने कहा कि वे अपने बच्चों को खाना खिलाने और अन्य खर्चों के लिए काफी परेशान हुए।promotion-banner-medai-04

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