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बीकानेर। राज्य पीसीपीएनडीटी दल की डिकॉय कार्यवाही में पकड़े गए भ्रूण लिंग परीक्षण के आरोपी दलाल सतनाम की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है। मंगलवार को माननीय विशिष्ट न्यायालय पीसीपीएनडीटी मामलात, बीकानेर द्वारा आरोपी के कृत्य को समाज के विरुद्ध घृणित अपराध की श्रेणी में मानते हुए इसे जमानत के लायक नहीं माना और 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

सीएमएचओ डॉ. देवेन्द्र चौधरी ने बताया कि गर्भस्थ शिशु के फर्जी तरीके से लिंग परीक्षण की दलाली के आरोपी भादरा निवासी सतनाम चौहान को पीसीपीएनडीटी ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (पीबीआई) की टीम द्वारा अनुसंधान अधिकारी पुलिस निरीक्षक उमेश निठारवाल व पीसीपीएनडीटी समन्वयक बीकानेर महेंद्र सिंह चारण के नेतृत्व में माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। अभियोजन अधिकारी विष्णु स्वामी द्वारा सरकार की तरफ से पैरवी करते हुए आरोपी के कृत्य को समाज के ताने-बाने के खिलाफ बड़ा जघन्य व घृणित अपराध बताया और आरोपी को सख्त सजा की वकालत की। दोनों पक्षों को सुनने के उपरान्त माननीय न्यायालय ने आरोपी की जमानत याचिका खारिज करते हुए उसे 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दे दिए।

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उल्लेखनीय है कि अध्यक्ष राज्य समुचित प्राधिकारी पीसीपीएनडीटी एवं स्वास्थ्य सचिव डॉ. समित शर्मा के निर्देश पर सोमवार को हुए डिकॉय ऑपरेशन में ट्रेप हुए आरोपी दलाल ने सादुल कॉलोनी स्थित डॉ. सरीन लैब सोनोग्राफी सेंटर पर सामान्य सोनोग्राफी करवाकर मनगढंत तरीके से भ्रूण लिंग जांच की जानकारी दी थी।

दूर तक फैले हो सकते हैं सतनाम के तार
जिला पीसीपीएनडीटी प्रकोष्ठ प्रभारी महेंद्र सिंह चारण ने बताया कि आरोपी से हुई पूछताछ के आधार पर बारीकी से जांच की जाएगी तथा कॉल डिटेल्स के आधार पर आगामी कार्यवाही की जाएगी। उक्त आरोपी दलाल आयुर्वेदिक कम्पाउडर है और गाँव में अपने आप को डॉक्टर बताता था। बीकानेर तहसील के गैरसर गाँव में झोलाछाप डॉक्टर के रूप में प्रैक्टिस करता था। भादरा में आरोपी के ट्रैक रिकॉर्ड की भी पड़ताल होगी। आरोपी के तार हरियाणा से भी जुड़े होने के कारण गंगानगर, हनुमानगढ़ व हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्रों से गर्भवतियों को शहर लाकर भ्रूण के अवैध लिंग परीक्षण में संलिप्तता की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

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