बीकानेर। शहर में सांड के मारने से घायल के इलाज में लापरवाही के कारण घायल धीरज शर्मा की मौत को लेकर जिला कलक्टर कुमार गौतम हुए गंभीर तत्काल प्रभाव से कार्य करते हुए दो कमेटी गठित करने के आदेश दिये। जानकारी के अनुसार बाइक पर सवार होकर डुप्लेक्स कॉलोनी से गुजर रहे भाई-बहिन शनिवार शाम को सांडों की लड़ाई की चपेट में आ गए। दोनों को पीबीएम हॉस्पिटल ले जाया गया। बहिन को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी जबकि भाई के पेट में सींग से चोट लगी होने के कारण भर्ती किया जिसकी रविवार शाम को मौत हो गई।
आक्रोशित परिजनों ने हॉस्पिटल में हंगामा कर दिया। आरोप लगाया, डाक्टर्स ने समय पर, सही इलाज नहीं किया। सीनियर पहुंचे नहीं जिससे मरीज की मौत हो गई। जिसको लेकर सोमवार सुबह एक प्रतिनिधि मंडल जिला कलक्टर कुमार गौतम पाल से मिल कर घटना की पूरी जानकारी दी। कलक्टर इस प्रकार की घटना को गंभीर माना इलाज समय पर नहीं होने पर किसी जान जाना बड़े दुख की बात है। उन्होंने कहा कि इस घटना की बारिकी से जांच करवाई जायेगी जिसे के लिए दो कमेटी गठित करेंगे एक कमेटी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और एक जयपुर में गठित की जायेगी इसके लिए प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा को जिला कलक्टर ने पत्र लिखकर घटना की जानकारी दी है तथा टीम भेजकर घटना की जांच करवाई जाये।
यह था पूरा मामला
शनिवार रात्रि को शर्मा कॉलोनी निवासी धीरज शर्मा धीरज शर्मा अपनी बहन के साथ बाईक पर सवार होकर डुपलेक्स कॉलोनी से गुजर रहा था तभी अचानक एक सांड के आगे आ जाने से दुर्घटना हो गई। इस दुर्घटना में घायल भाई-बहन को ट्रोमा सेंटर ले जाया गया, जहां बहन को टांके लगाकर छुट्टी दे दी गई। वहीं धीरज को ग्लूकाजे चढ़ाया गया। मृतक के भाई का आरोप है कि रेजीडेंट डॉक्टर्स ने सही ईलाज नहीं किया। उसका कहना है कि धीरज बोल व सुन नहीं सकता था लेकिन वह बुरी तरह तड़प रहा था। लेकिन सुबह 6 बजे तक चिकित्सकों ने केस को सीरियस नहीं लिया। वहीं सुबह 6 से 8 बजे तक दो-तीन बार जांचे करवाई गई। जांच एक बार भी सही नहीं आई। तब चिकित्सकों ने कहा कि धीरज का ऑपरेशन करना पड़ेगा। उसके बाद उसे जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया। धीरज बुरी तरह तड़प रहा था, उसके हाथ-पैर बांध दिए गए।
स्थिति सीरियस होते हुए भी गंभीरता से नहीं लिया गया। वहीं रात से लेकर मौत तक कोई बड़ा चिकित्सक उसे देखने तक नहीं आया। घटना की रात से ही रेजीडेंट्स द्वारा कहा जा रहा था कि थोड़ी देर में बड़े डॉक्टर आ रहे हैं। वहीं सुबह ही डॉक्टरों को पता चल गया था कि धीरज के पेट की नस सांड से टकराने की वजह से फट चुकी है। लेकिन विशेषज्ञ डॉ अशोक परमार के आने की सिर्फ बात ही की जा रही थी। मृतक के भाई का कहना है कि चार बजे आज चार बजे धीरज को आईसीयू में ले जाया गया जबकि वह सीरियस ही था।