यही नहीं, इस निर्णय से ट्रांसपोर्ट और माल ढुलाई क्षेत्र में लगभग 22 लाख चालकों की कमी को पूरा करने में भी मदद मिलेगी। शैक्षिक योग्यता की जरूरत चालकों की उपलब्धता में बाधक बनी हुई है।
हालांकि, चालकों के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता की आवश्यकता हटाते हुए मंत्रालय ने प्रशिक्षण और कौशल की परीक्षा पर जोर दिया है ताकि सड़क सुरक्षा से किसी भी तरह का कोई समझौता न हो। ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए कड़ी कौशल परीक्षा पास करना अनिवार्य होगा। मंत्रालय ने मोटर वाहन अधिनियम 1988 के अनुसार इस बात पर बल दिया है कि किसी स्कूल या प्रतिष्ठान द्वारा दिए जाने वाले प्रशिक्षण में यह सुनिश्चित होना चाहिए कि चालक संकेतों को पढ़ने, लॉजिस्टिक ड्यूटी जैसे कि ड्राइवर लॉग्स का रखरखाव करने, ट्रकों और ट्रेलरों का निरीक्षण करने, प्री-ट्रिप और पोस्ट-ट्रिप रिकॉर्ड प्रस्तुत करने, कागजी कार्रवाइयों की विसंगतियों का निर्धारण करने, सुरक्षा संबंधी खतरों को रिपोर्ट करने के लिए कुशल संचार कल पाने में सक्षम हो। इतना ही नहीं, व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल सुविधाएं प्रदान करने वाले स्कूल और प्रतिष्ठान राज्यों के नियामक नियंत्रण के अधीन हैं। इसलिए प्रदान किए जाने वाला प्रशिक्षण किसी विशेष प्रकार के मोटर वाहन के चालन संबंधी सभी पहलुओं को कवर करते हुए उच्च गुणवत्तापूर्ण होना चाहिए।
मंत्रालय मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक में शैक्षिक योग्यता की आवश्यकता हटाने का प्रस्ताव पहले ही कर चुका है जिसे पिछली लोकसभा द्वारा पारित किया जा चुका है। इस विषय पर संसद की स्थायी समिति और चयन समिति ने भी विचार-विमर्श किया था।
उपरोक्त के मद्देनजर सड़क ट्रांसपोर्ट एवं राजमार्ग मंत्रालय ने केन्द्रीय मोटर वाहन 1989 के नियम 8 में संशोधन की प्रक्रिया आरंभ कर दी है और इस बारे में अधिसूचना जल्दी ही जारी की जाएगी।