जयपुर। शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में बताया कि सरकार संविदाकर्मियों की समस्याओं के निवारण के लिए संवेदनशील है। उन्होंने बताया कि जल्दी से जल्दी बैठकें आयोजित करके संविदाकर्मियों की समस्याओं के निवारण के लिए निर्णय लिया जाएगा।
डोटासरा ने प्रश्नकाल के दौरान विधायकों द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए बताया कि संविदाकर्मियों की समस्याओं के निवारण के लिए एक जनवरी, 2019 को निकाले गए आदेश के अंतर्गत अब तक दो बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं। साथ ही एक अनौपचारिक बैठक राज्य विधान सभा में विधानसभा के प्रथम सत्र के दौरान की गई। उन्होंने बताया कि जो भी संविदाकर्मी हैं, उनका डाटा विभिन्न विभागों द्वारा मंगवाया जा रहा है। पूरा डाटा आने के बाद निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि ग्राम रोजगार सहायक की वर्ष 2013 में 18 हजार की भर्ती निकाली थी। इनमें 10029 पदों के बारे में पांच साल तक पूर्ववर्ती सरकार द्वारा काई निर्णय नहीं लिया गया। अब 19 जुलाई, 2019 को मुख्य सचिव की वित्त विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक हुई है और विचार किया गया कि इस प्रक्रिया को कैसे आगे बढ़ाया जाए और ग्राम अस्थाई ग्राम रोजगार सहायक उनको किस प्रकार से स्थाई किया जाए। सरकार इस मामले में संवेदनशील है और कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
इससे पहले विधायक अमृतलाल मीणा के मूल प्रश्न के जवाब में उन्होंने बताया कि विभिन्न विभागों में कार्यरत शिक्षा सहयोगी, शिक्षाकर्मी एवं ग्राम रोजगार सहायक अस्थाई एवं फिक्स मानदेय पर विगत कई वर्षों से कार्य कर रहे हैं। संविदा कर्मियों की समस्याओं के निवारण हेतु सचिवालय की आज्ञा क्रमांकः 5(1)मंमं/2019 दिनांक 1 जनवरी, 2019 द्वारा मंत्रिमण्डलीय उपसमिति का गठन किया हुआ है, जिसमें संविदा कार्मिकों की विभिन्न मांगों के संबंध में प्रकरण विचाराधीन है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा 1 जनवरी, 2019 द्वारा गठित मंत्रिमण्डलीय उपसमिति की रिपोर्ट प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।