बीकानेर। राजस्थान सरकार द्वारा आज पेश किये गये बजट में बीकानेर जिले को कुछ भी नहीं मिला। बडा दुर्भाग्य है कि सरकार को बने हुए सवा साल हो गया है और अभी भी सरकार तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी की सरकार की आलोचना करने के बजाये कोई काम नहीं कर पा रही है। बीकानेर जिले से दो मंत्री होने के बावजूद भी बीकानेर जिले में ऐसा कोई कार्य स्वीकृत नहीं करवा पाये, जो कि आम जनता से जुडा हुआ हो। इस बजट में ना तो नई स्कूल/काॅलेज खोलने की घोषणा हुई है, न ही स्वास्थ्य पर ध्यान दिया गया है। यह कहना है बाजपा नेता रवि मेगवाल का ।
तत्कालीन सरकार द्वारा संचालित पुरानी योजनाओं को नाम परिवर्तित करके चलाया जा रहा है। बीकानेर जिले में नापासर, खाजूवाला, लूनकरणसर, छत्तरगढ, श्रीकोलायत ऐसे कस्बे जो कि पिछले कई वर्षो से नगर पालिका की मांग कर रहे है, लेकिन सरकार ने बजट में 9 नगर पालिका की घोषणा की है, उनमें से एक भी कस्बे बीकानेर जिले का शामिल नहीं किया गया है ।
सरकार ने इस बजट में पूर्ववर्ती भारतीय जनता पार्टी द्वारा संचालित विवेकानन्द माॅडल स्कूल जो कि इंग्लिश मिडियम है, उनकी तर्ज पर कुछ स्कूलों को इंग्लिश मिडियम बनाने की घोषणा की है, जो कि सिर्फ लिपापोती है। बीकानेर जिला खनिज के कारण जाना जाता है। खनिज उद्योगों के लिए नई घोषणा नहीं की गई है। बीकानेर जिला पापड, भुजिया के लिए विश्व विख्यात है, उनके लिए भी कोई योजना नहीं बनाई है।
इसके अलावा सौर ऊर्जा हब, जिप्सम हब की घोषणा होगी, लोगों को इस बार बजट में नोखा में एडीजे कोर्ट खुलने की पूरी उम्मीद थी। लेकिन मुख्यमंत्री ने बजट पेश करते समय बीकानेर से जुड़ी इन उम्मीदों का जिक्र तक नहीं किया। गुरूवार को जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सदन में बजट पेश कर रहे थे तो शुरू से लेकर बजट के अंतिम क्षणों तक बीकानेर लोगों की निगाहें टीवी व इंटरनेट पर टिकी हुईं रही, मगर विडम्बना रही कि पूरे बजट के दौरान बीकानेर का सिर्फ एक बार ही जिक्र होने से यहां के लोग खासे नाराज दिखे। यह बजट किसान/जन विरोधी है। इस बजट से नया कोई काम स्वीकृत नहीं हुआ है।