जोधपुर। राजसमंद में हुई हत्या के आरोपी शंभूलाल रैगर के रविवार को जोधपुर जेल से वीडियो वायरल ने एक तरफ जहां जेल प्रशासन की नींद उड़ा दी है वहीं जेल की सुरक्षा भी खतरे में पड़ती नजर आ रही है। वीडियो वायरल के बाद सोमवार सुबह पुलिस व जेल प्रशासन ने केंद्रीय कारागाह में मोबाइल बरामदगी के लिए सर्च अभियान चलाया। दोपहर तक जेल प्रशासन ने महत्वपूर्ण सुराग मिलने की बात कही मगर मोबाइल मिलने से इंकार कर दिया। सूत्रों के अनुसार जेल में मोबाइल मिले हैं। इनमें शंभूलाल रैगर ने जिसके मोबाइल का उपयोग उस बंदी के बैरक की तलाशी ली गई है। कुछ और सामग्री भी मिलना बताया गया है।
दोषी जेल प्रहरी पर भी कार्रवाई की जा सकती है। देश की सुरक्षित जेलों में शुमार जोधपुर एक बार फिर सुर्खियों में है। रविवार को राजसमंद जिले के मर्डर केस में बंद एक कैदी शंभूलाल रैगर ने अपनी जान का जोखिम बताते हुए एक वीडियो वायरल कर दिया था, जिसके बाद से जेल प्रशासन की नींद उड़ सी गई है। शंभूलाल ने यह मोबाइल भी खुद का नहीं बताया, यह किसी अन्य बंदी का होना बताया जाता है। इधर जेल प्रशासन और स्थानीय पुलिस ने संयुक्त रूप से जेल में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सुबह जेल में मोबाइल तलाशी के लिए अभियान चलाया। मगर जेल डीआईजी विक्रम सिंह का कहना है कि इस बारे में महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे है, जल्द या शाम तक मोबाइल की बरामदगी की जा सकेगी। जिस बंदी या कैदी ने यह मोबाइल उपलब्ध करवाया है, उसके बैरक की तलाशी ली जा रही है।
जमीन खोदने से भी नहीं इंकार: जेल डीआईजी विक्रम सिंह के अनुसार यदि मोबाइल को जमीन में गाढ़ कर छुपाया गया है तो फिर जमीन खोद कर भी निकाला जाएगा। इसके लिए बाहर से आदमी बुलाने पड़े तो वो भी किया जाएगा। संतरी या प्रहरी पर कार्रवाई: जेल में मोबाइल जाने की बात पर डीआईजी जेल विक्रम ङ्क्षसह ने बताया कि इस बारे में पूरी तरह जांच की जाएगी। दोषी प्रहरी या संतरी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी। मगर जेल वैसे भी स्टाफ कम है। वे तो बाहर ड्यूटी देते है।