नागदा । प्रख्यात चिंतक एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी 90 वर्षीय डॉ. एसएन सुब्बाराव नई दिल्ली में चल रहे अन्ना हजारे के आंदोलन में शरीक होंगे। यह बात डॉ. सुब्बाराव ने रविवार रात को नागदा के रेलवे स्टेशन पर बातचीत के दौरान कही। इंदौर में एक बैठक से भाग लेकर निजामुद्दीन एक्सप्रेस से नई दिल्ली लौटते समय डॉ. सुब्बाराव ने रेलवे स्टेशन पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि अन्ना का आंदोलन कितना सफल-असफल होगा, इस बात के मायने नहीं है, लेकिन देशहित के लिए वे लड़ाई लड़ रहे हैं। इसलिए वे स्वयं एक दिन आंदोलन स्थल पर भी जाएंगे और समर्थन करेंगे। सुब्बाराव का मानना है कि आज के समय में देश को बचाने के लिए सज्जन शक्ति को आगे आना होगा। देश में सज्जन लोगों की संख्या बहुत अधिक है। यदि ये लोग आगे आए तो दुर्जन लोगों का बोलबाला समाप्त हो जाएगा।
गौरतलब है कि डॉ. सुब्बाराव ने किसी जमाने में सैकड़ों दस्युओं को आत्मसमर्पण कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। केंद्र सरकार का जमनालाल बजाज अवॉर्ड डॉ. सुब्बाराव को मिल चुका है।
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने सोमवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार कृषि उत्पादों के उचित मूल्य, लोकपाल व लोकायुक्त की नियुक्ति और चुनाव सुधार की उनकी मांगों के क्रियान्वयन पर एक कार्ययोजना पेश करे तो वह अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर देंगे। उन्होंने यह घोषणा ऐसे समय की, जब महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन ने उनसे मुलाकात की और कथित रूप से उनसे कहा कि मोदी सरकार उनकी मांगों को मानने के लिए तैयार है।
अन्ना ने रामलीला मैदान में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा, “आज(सोमवार) एक मंत्री मुझसे मिलने आया था और उसने कहा कि सरकार हमारी मांगों को मानने के लिए तैयार है। लेकिन मैंने उनसे कहा कि सरकार को हमें यह लिखित में देना होगा कि कैसे वह हमारी मांगों को पूरा करेगी। उन्हें हमें सूचित करना होगा कि यह कैसे होगा और इसकी समय सीमा क्या होगी।”
उन्होंने कहा, “मुझे बताया गया है कि इस बारे में विस्तृत जानकारी कल(मंगलवार) दोपहर को दी जाएगी। हम इसे पढ़ेंगे और फिर इसके(भूख हड़ताल तोड़ने के बारे) बारे में सोचेंगे। जब तक इसका ठोस समाधान नहीं निकल जाता, मैं अपना अनशन समाप्त नही करूंगा।” महाजन ने पत्रकारों से कहा, “हजारे के साथ बैठक सकारात्मक रही और इसके लिए समय सीमा जल्द ही तय की जाएगी।” केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी मंगलवार को अन्ना से मुलाकात कर सकते हैं। हजारे ने कहा, “अगर सरकार ने हमारी मांगें मान ली और बाद में वादे से मुकर गई तो, वह फिर से रामलीला मैदान आएंगे।” इसबीच, सोमवार को उनकी भूख हड़ताल का चौथा दिन होने के बावजूद, लोगों की संख्या कम रही और दोपहर में यहां लगभग 2,000 लोग ही मौजूद थे।