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जयपुर hellobikaner.in प्रौद्योगिकी के इस युग में ऑनलाइन गेमिंग बच्चों में बहुत लोक्रप्रिय है। कोविड महामारी के कारण स्कूलों के बंद होने से बच्चों में मोबाइल और इंटरनेट का उपयोग बढ़ा है जिसकी वजह से बच्चों में ऑनलाइन गेमिंग का चलन भी तेजी से बढ़ा है। ये ऑनलाइन गेम बच्चों को आसानी से उपलब्ध हैं तथा इंटरनेट पर कंप्यूटर, टेबलेट और मोबाइल आदि डिवाइस के जरिये खेले जाते हैं।

 

इन खेलों को इस तरह से डिजाइन किया गया है की वे खिलाड़ी को आगे खेलने के लिए जुनून की हद तक उत्साहित करते है। यही कारण है कि खिलाड़ी इसकी लत के शिकार हो जाते हैं और अतंतरू गेमिंग डिसऑर्डर से ग्रस्त हो जाते हैं जिसकी वजह से बच्चे का शैक्षिक और सामाजिक जीवन प्रतिकूल रूप से प्रभावित होता है।

बच्चों में ऑनलाइन गेमिंग से बढ़ रहे नकारात्मक प्रभाव की रोकथाम व माता पिता एवं शिक्षकों को इस संबंध में जागरूक करने हेतु राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद द्वारा एक पृष्टिय सलाह जारी की गई है जिसमें ऑनलाइन गेमिंग के दुष्प्रभावों पर काबू पाने के प्रभावी तरीके बताए गए हैं।

 

 

इस एडवाइजरी में अभिभावकों एवं शिक्षकों को बच्चों को ऑनलाइन गेमिंग की व्यसनलिप्तता से बचाने के लिए क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, इसका बिंदुवार विवरण है। प्रथम, सना सिद्दकी ने यह एक पृष्टिय सलाह प्रदेश के समस्त अभिभावकों, शिक्षकों और विद्यार्थियों तक पहुंचाने के लिए सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और पदेन जिला परियोजना समन्वयकों को दिशा निर्देश जारी किए।

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