हैलो बीकानेर न्यूज़। ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआईआरएम) के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने केंद्र सरकार रेलवे के निजीकरण पर कहा कि केंद्र का यह कदम रेलवे और उपभोक्ताओं दोनों के हित में नहीं है। यदि सरकार इसे लागू करती है तो फेडरेशन आंदोलन का रास्ता अपनाने से पीछे नहीं हटेगा। पत्रकारों से मुखातिब होते हुए एआईआरएफ के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि इसमें रेलवे अधिकारी व कर्मचारियों के साथ ही आम जनता को भी साथ लिया जाएगा। हालांकि सरकार अभी इस पर पूरी तरह तैयार नहीं है इसलिए फेडरेशन भी उनका कदम देखकर अपनी रणनीति तय करेगा। यूपीए सरकार ने भी रेलवे के निजीकरण का फैसला किया था किंतु बाद में फेडरेशन के विरोध पर वापस लेना पड़ा था।
दो माह में चार हजार करोड़ का घाटा
मिश्रा ने कहा कि केंद्र सरकार ने 90 साल बाद रेलवे के बजट को आम बजट में शामिल किया है। इससे रेलवे का घाटा बढ़ गया है। दो माह में रेलवे को चार हजार करोड़ रुपए का घाटा उठाना पड़ा है। पांच-छह सौ करोड़ रिकवरी कर ली गई है लेकिन यह घाटा रेलवे के लिए ठीक नहीं है। इससे भारतीय रेलवे पर संकट खड़ा हो सकता है। हमें लगता था कि बजट को सामान्य बजट बना देने से सरकार वेतन, संसाधन, पेंशन आदि अपने खजाने से देगी किंतु ऐसा नहीं किया है। यह सब रेलवे को अपनी कमाई से ही करना पड़ रहा है।
भारतीय रेलवे पर संकट
मिश्रा के अनुसार भारतीय रेल इस समय संकट के दौर से गुजर रही है। रेलवे की आमदनी लगातार घाटती जा रही है। यह रेलवे कर्मचारियों की वजह से नहीं वरन देश में छाए आर्थिक संकट से है। इसे लेकर हम रेलवे मंत्रालय को समय-समय पर अवगत भी करवाते रहते हैं। हमारा मानना है कि रेलवे पर होने वाले खर्च में से सोश्यल कास्ट को सरकार वहन करे। जहां लोग सुविधा के लिए पैसा दे सकते हैं वहां सुविधा देकर पैसा लेना चाहिए और गरीब को ब श दें। सरकार में राजनीतिक इच्छाशक्तिकी कमी से ऐसा नहीं हो पा रहा है। संवाददाता स मेलन में मुकेश माथुर,अनिल व्यास,मनोज बिस्सा भी शामिल थे।
– सातवां वेतनमान लागू करने में जो विसंगतियां हैं उससे कर्मचारियों में देशभर में आक्रोश है।
– मिनीमम वेज और फिटमेंट को लेकर एक कमेटी गठित की है। इससे रेलवे कर्मचारियों से सरकार टकराव नहीं चाहेगी।
– रेलवे वाणिज्यिक संस्था नहीं है। आमदनी को लेकर सरकार को सोचना है।
– 1 जनवरी 2004 के बाद भर्ती कर्मचारियों की पेंशन को लेकर हमारा रूख साफ है। इसमें सरकार पेंशन की गारंटी दें।
– कर्मचारी की मृत्यु या स्थायी अपंगता पर पुरानी पेंशन योजना के हिसाब से ही पेंशन मिलना चाहिए।
– रिक्त पदों पर जल्द भर्ती की जाए क्योंकि रेलों की सं या लगातार बढ़ रही है इसलिए ज्यादा पदों पर भर्ती हो।-