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हैलो बीकानेर न्यूज़ नेटवर्क, www.hellobikaner.com, चूरू, सादुलपुर, (मदनमोहन आचार्य)। राजगढ़ एसडीएम रणजीत कुमार बिजारणिया के कार्यालय में एक वकील द्वारा अभद्र व्यवहार तथा धमकी दिए जाने के विरोध में शुक्रवार को मिनी सचिवालय के कर्मचारियों सहित सभी मंत्रालयिक कर्मचारी पेन डाउन हड़ताल पर आ गए हैं।

 

 

 

उन्होंने मिनी सचिवालय परिसर में नारेबाजी के साथ धरना प्रदर्शन भी शुरू कर दिया। प्रदर्शन के दौरान पुलिस उप अधीक्षक इस्माल खान, राजगढ़ पुलिस थाना अधिकारी सुभाष चंद्रा ढिल,तहसीलदार इमरान खान पठान के अनुसार अभिभाषक संघ के पूर्व अध्यक्ष रामनिवास गुर्जर द्वारा एसडीएम रणजीत कुमार बिजारणियां के कार्यालय में साथ दुर्व्यवहार किया तथा धमकी भी दी गई बताते हैं। उसी मामले को लेकर समस्त कर्मचारी आंदोलन पर आ गए हैं।

 

 

 

राजगढ़ तहसीलदार इमरान खान पठान के अलावा सिद्धमुख तहसीलदार बबीता ढिल्लो, नायब तहसीलदार नितिन पुरोहित, हमीरबास नायब तहसीलदार रविशंकर धाणक, पालिका अध्यक्ष रजिया नियम गहलोत, राजगढ़ नगर पालिका ईओ प्रियंका बुडानिया, पंचायत समिति विकास अधिकारी अमरजीत सिंह बाबल, जलदाय विभाग के अधिशासी अभियंता रामकुमार झाझडिया उप कोष कार्यालय लेखाधिकारी नरेश शर्मा, ग्राम विकास अधिकारी जिला अध्यक्ष रामनिवास पूनिया, विद्युत निगम के सहायक अभियंता दिनेश यादव, के सहित पटवार संघ के अध्यक्ष व सैकड़ों कर्मचारी आंदोलन में शामिल हो गए।

 

 

 

यह जानकारी मिलते ही नगर पालिका सफाई कर्मचारी आदि आंदोलन स्थल पर पहुंच शामिल हो गए हैं। सफाई कर रहे कर्मचारी अपने कचरे से भरे ट्रैक्टर लेकर मिनी सचिवालय में पहुंच गए हैं और वहां खड़े कर दिए हैं। उपखंड अधिकारी रणजीत कुमार बिजारणिया ने उन्हें समझा कर वहां से हटवाया। दोपहर तक आंदोलन चलता रहा।

 

 

 

 

आंदोलनकारियों की मांग रही की अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार करने वाले अधिवक्ता रामनिवास गुर्जर माफी मांगे अन्यथा आंदोलन जारी रहेगा। उसके बाद अभिभाषक संघ के अध्यक्ष एडवोकेट चरण सिंह पूनियां के साथ अधिवक्ताओं का प्रतिनिधिमंडल मिनी सचिवालय पहुंचा। उपखंड अधिकारी एसडीएम रणजीत कुमार बिजारणिया वह अधिवक्ताओं के साथ आंदोलनकारियों के मध्य सौहार्दपूर्ण वातावरण में बातचीत हुई।

 

 

 

उसके बाद आंदोलन को समाप्त कर दिया गया। इससे पूर्व तत्कालीन एसडीएम पंकज गढ़वाल के साथ भी उनके क्वार्टर पर जाकर झगड़ा किया था। हालांकि एडवोकेट रामनिवास गुर्जर ना तो मिनी सचिवालय पहुंचे और ना ही उन्होंने माफी मांगी। उन्होंने अपनी ओर से लिखित पत्र जारी करते हुए कहा कि मैंने जो कुछ किया वह कर्मचारियों के हितों के लिए किया है जिसका मुझे कोई अफसोस नहीं है और ना ही मैं माफी मांगूंगा मगर अधिक अधिवक्ता प्रतिनिधिमंडल से बात होने के बाद मामले का निस्तारण कर दिया गया।

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