पत्रकार राजेश के ओझा की कलम से …
बीकानेर। क्रिकेट का खेल दुनिया भर में लोकप्रिय बना हुआ है। इसी खेल का एक बड़ा फोरमेट आईपीएल (भारतीय प्रीमियर लीग) बन चुका है। इस क्रिकेट प्रतियोगिता से वैसे तो कई नए खिलाड़ीयों को मौका मिला और उनकी प्रतिभा उभर कर सामने आई है।
लेकिन इस खेल पर खेले जाने वाला सट्टा भी हर बार नये सट्टेबाज और क्रिकेट बुकी को जन्म देता है। नई युवा पीढ़ी इसकी तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे है। पुलिस आए दिन सट्टेबाजों और बुकी को पकडऩे की कार्यवाही करती है।
फिर भी इसकी संख्या में कोई कमी नजर नहीं आ रही है। हर बार आईपीएल के दौरान नए बुकी और सट्टेबाज पैदा हो रहे है। जल्दी पैसा कमाने की चाह में युवाओं का सट्टे की तरफ झुकाव बढ़ रहा है।
घर के पैसों को दाव पर लगाकर कई लोग बर्बाद हो चुके है। फिर भी इससे कोई सीख नहीं ले रहा है। न पुलिस का खौफ और न पैसे की बर्बादी की डर इन्हें रोक रहा है।
आजकल तो मोबाइल का जमाना आ गया है। सूत्रों से पता चला है कि मोबाइल ऐप के जरिए भी इस आईपीएल मैचों के दौरान सट्टा खेला जा रहा है। बुकी भी आजकल इस ऐप का इस्तेमाल कर रहे है।
परिजनों को भनक न लगे इसलिए मोबाइल के जरिए युवा आईपीएल मैच के दौरान सट्टा खेल रहे है। परिजनों को जागरूक होकर अपने बच्चों को इस दलदल से दूर रखना चाहिए वरना युवा पीढ़ी बर्बादी की राह पर कई दूर आगे चले जाएगे जिससे उनको वापस लाना मुश्किल हो जाएगा।
कई लोग इस आईपीएल में बर्बाद होकर अपने आप को नुकसान पहुचाने वाले कदम उठा चुके है। फिर भी क्रिकेट सट्टे पर न तो लगाम लग पाई और न यह पूर्णतया बंद हो पाया। कुछ नामी कम्पनियां भी रूपयों को प्रलोभन देकर मोबाइल ऐप के जरिये सट्टा करवाती है।
पुलिस अपना काम कर रही है अब जरूरत है हमें जागरूक होकर अपने आस-पास इस सट्टे के दलदल में फंस रहे युवा पीढ़ी को बाहर निकालने की।