उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला

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दिल्ली hellobikaner.in रेल वाणिज्य एवं उद्योग उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने गत दिनो उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना की प्रगति की समीक्षा की ।

उन्होने बताया कि कश्मीर घाटी को देश के शेष भागों से जोड़ने वाली 272 किलोमीटर लंबी उधमपुर-बारामूला रेल लाइन देश की महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय परियोजना है। इस परियोजना के 272 किलोमीटर में से 161 किलोमीटर का कार्य पूरा हो गया है। उधमपुर-कटरा 25 किलोमीटर (जुलाई 2014 में प्रारंभ) काजीगुंड-बारामूला 118 किलोमीटर (अक्टूबर 2009 में प्रारंभ) और बनिहाल-काजीगुंड 18 किलोमीटर (जून 2013 में प्रारंभ) का कार्य पूरा हो गया है और इन्हें चालू कर दिया गया है। 111 किलोमीटर लंबे कटड़ा-बनिहाल सेक्शन का कार्य प्रगति पर है। इस सेक्शन पर 111 में से 97 किलोमीटर अर्थात् 87 प्रतिशत कार्य मुख्य रूप से सुरंगों का है। इस सेक्शन पर 27 मुख्य सुरंगें, जिनकी लंबाई लगभग 97.6 किलोमीटर और 8 एस्केप सुरंगें जिनकी लंबाई 66.4 किलोमीटर है। इस प्रकारए कटरा-बनिहाल सेक्शन पर कुल मिलाकर 164 किलोमीटर सुरंगों का निर्माण कार्य किया जा रहा है।

इसी प्रकार वर्तमान में 136 किलोमीटर मुख्य सुरंग मार्ग जिसमें मुख्य सुरंग के 97 किलोमीटर में से 83 किलोमीटर और 66.4 किलोमीटर के सुरंग मार्ग में से 55 किलोमीटर का कार्य पूरा हो चुका है। कुल 37 पुलों में से 26 बड़े पुल और 11 छोटे पुल हैं। वर्तमान में 12 बड़े पुलों और 10 छोटे पुलों का कार्य पूरा हो चुका है और शेष पुलों का कार्य तीव्र गति पर है। इन पुलों में चिनाब पुल, नदी की तलहटी से जिसकी कुल लंबाई 1315 मीटरए आर्क स्पैन 467 मीटर और ऊंचाई 359 मीटर है, का कार्य भी शामिल है। यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल होगा। चिनाब पुल के आर्क को बनाने का कार्य प्रगति पर है। इसके 550 मीटर में से 516 मीटर का कार्य पूरा हो चुका है और शेष 34 मीटर का कार्य ही बाकी है। इसे मार्च 2021 तक पूरा कर लिए जाने की उम्मीद है। भारतीय रेल के पहले केबल स्टे्ड पुल का निर्माण भी अंजी खड्ड पर किया जा रहा है। इसके 193 मीटर के मुख्य पायलन के कार्य में से 120 मीटर का कार्य पूरा हो गया है। अंजी पुल के सहायक पुल के हिस्से का कार्य पुरा हो चुका है। अन्य बड़े पुलों में पुल संख्या 39 और 43 का कार्य प्रगति पर है। इन पुलों के निर्माण का क्रमशः 191 मीटर और 141 मीटर का कार्य पूरा हो चुका है।

लाॅकडाउन के दौरान कार्य में उल्लेखनीय प्रगति
रामबन जिले में बनिहाल क्षेत्र के निकट टी-74 आर सुरंग-7.4 किलोमीटर लंबी एस्केप टनल का कार्य 5 दिसम्बर 2020 को और 8.6 किलोमीटर लंबी मुख्य सुरंग का कार्य 3 अक्टूबर 2020 को किया गया। उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना पर 11.2 किलोमीटर लंबी पीर पंजाल सुरंग के बाद यह दूसरी सबसे लंबी सुरंग है। रियासी जिले में 5.2 किलोमीटर लंबी मुख्य सुरंग अगस्त 2020 में तैयार की गई। ’चिनाब पुल’ आर्क सैगमेंट को लगाने का कार्य रूपयें 373 एमटी का कार्य दिसम्बर 2020 में और 380 एमटी का कार्य चालू माह जनवरी 2021 में (21 जनवरी 2021 तक) किया गया । 3262 एमटी आर्क लांचिग का कार्य कोरोना लाॅकडाउन के बाद किया गया। आर्क लांचिग के 550 मीटर कार्य में से लगभग 516 मीटर का कार्य पूरा कर लिया गया है और शेष 34 मीटर का कार्य ही बाकी है। इसे मार्च 2021 तक पूरा कर लिए जाने की उम्मीद है।

’अंजी पुल’ मुख्य पायलन का निर्माण रूपयें 12 मीटर की ऊंचाई अपस्ट्रीम में और 4 मीटर की ऊंचाई डाउन स्ट्रीम में दिसम्बर 2020 में तैयार की गई। मुख्य पायलन के 69 मीटर और सहायक पुल का कार्य लाॅक डाउन के बाद की अवधि में पूरा किया गया है इस प्रकार मुख्य पायलन के 193 मीटर में से 120 मीटर का कार्य पुरा हो गया है साथ ही अंजी पुल के सहायक पुल का निर्माण भी पुरा कर लिया गया है। रियासी क्षेत्रा में पुल संख्या 39 पर 24 मीटर की ल्रबाई तक का कार्य दिसम्बर 2020 में और 48 मीटर तक का कार्य जनवरी 2021 में किया गया। इस प्रकार अब तक कुल 191 मीटर लांचिग का कार्य पूरा कर लिया गया है। इस समूचे लांचिग कार्य को कोरोना लाॅकडाउन अवधि के बाद किया गया। दिसम्बर 2020 में कुल 1720 मीटर और जनवरी 2021 में 927 मीटर सुरंग की खुदाई का कार्य किया गया। लगभग 11.3 किलोमीटर का सुरंग कार्य कोरोना लाॅकडाउन अवधि के बाद पूरा किया गया।

बनिहाल-बारामूला सैक्शन का विद्युतीकरण
उन्होने बताया कि बनिहाल से बारामुला तक 136 किलोमीटर रेलवे लाइन का कार्य पहले ही किया जा चुका है ओर अब इसके विद्युतीकरण का कार्य प्रगति पर है। सभी निविदाएं दे दी गई हैं तथा एस एंड टी प्लान भी अनुमोदित हो चुका है। यहां कार्य पूरी गति से चल रहा है। बनिहाल-बारामूला सैक्शन पर विद्युतीकरण कार्य को मार्च 2022 तक पूरा कर लिए जाने का लक्ष्य है।

रियासी और रामबन जिलों में जनवरी माह के दौरान खराब मौसम तथा बार बार होने वाले भूस्खलन और वाशआउट, हिमपात और वर्षा के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग 44 और परियोजना स्थलों तक जाने वाले सम्पर्क मार्गों से सम्पर्क कट गया जिससे कार्य की प्रगति पर असर पड़ा। फिर भी निर्माण स्थलों पर संरक्षा संबंधी सभी सावधानियां बरती गईं। अब सभी मोर्चों पर कार्य पूरी गति से  चल रहा है। परियोजना की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए रेलमंत्री ने कहा कि परियोजना के पूरे होने पर जम्मू एवं कश्मीर के लोगों की आकांक्षाए पूरी होंगी और उन्हें हर मौसम में उपलब्ध रहने वाला यातायात का एक सुगम माध्यम उपलब्ध हो जाएगा। उन्होंने परियोजना स्थलों पर कार्य कर रहे इंजीनियरों से शेष कार्य को मिशन मोड में तीव्रगति से पूरा करने का आह्वान किया। उन्होंने सामग्रियों की खरीद को पूरा करने और अनुमति प्रक्रियाओं को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए ताकि इस लाइन के निर्माण में देरी न हो।

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