जयपुर, hellobikaner.in भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा है कि केन्द्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम कर दी है और अब राज्य की कांग्रेस सरकार को भी पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क घटाकर जनता को राहत देनी चाहिए।
राजे ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि पेट्रोल-डीजल के दामों को लेकर राजस्थान की कांग्रेस सरकार केन्द्र को कोसती रही है जबकि केन्द्र सरकार ने दो बार एक्साइज ड्यूटी कम कर दी है।उन्होंने कहा कि केन्द्रीय उत्पाद शुल्क घटाने से अब देश में पेट्रोल 9.5 रूपए एवं डीजल सात रुपए प्रति लीटर सस्ता मिलेगा। वहीं उज्जवला योजना में 12 सिलेंडर तक 200 रु प्रति गैस सिलेंडर सब्सिडी देने का निर्णय भी मोदी सरकार ने लिया है, जिससे नौ करोड़ माताओं-बहनों को बड़ी सहायता मिलेगी।
पेट्रोल-डीजल के दामों को लेकर राजस्थान की कांग्रेस सरकार केन्द्र को कोसती रही है। जबकि केन्द्र सरकार ने दो बार एक्साइज ड्यूटी कम कर दी है।
अब राज्य सरकार को भी पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क घटाकर जनता को राहत देनी चाहिए।#Rajasthan
— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) May 21, 2022
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल व डीजल पर उत्पाद शुल्क आठ रूपए एवं छह रूपए प्रति लीटर घटाने का निर्णय लेकर देश की जनता को बड़ी राहत दी है।इसी तरह उपनेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने पेट्रोल पर 9.50 रूपए और डीजल पर सात रुपए ड्यूटी घटाकर व गैस सिलेंडर पर 200 रुपये प्रति सिलेंडर सब्सिडी देकर आमजन को राहत दी है।
कटारिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से निवेदन करते हुए कहा कि अब उन्हें इसके लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद देना चाहिए और टैक्स कटौती कर जनता को राहत प्रदान करनी चाहिए। उन्होंने पेट्रोल एवं डीजल के दाम घटाने पर प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री का आभार व्यक्त किया।उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि दीपावली के बाद एक बार फिर केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर ड्यूटी घटाई है।
उन्होंने देशवासियों को महंगाई से राहत दिलाने के लिए गए जनहितकारी निर्णयों के लिए मोदी सरकार का आभार जताते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने तो आमजन को राहत दे दी है, अब बारी राज्य सरकार की है। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस सरकार वास्तव में आमजन को महंगाई से राहत दिलाना चाहती हैं तो उसे वैट की दरों को कम करके कम से कम पूर्ववर्ती भाजपा शासन के समय वसूले जा रहे पेट्रोल-डीजल पर वैट क्रमश: 26 प्रतिशत एवं 18 प्रतिशत के स्तर पर लेकर आना चाहिए।