फोटो राजेश छंगाणी
बीकानेर । शहर की बिजली व्यवस्था का निजीकरण करने के विरोध में कांग्रेस ने रैली निकालकर आक्रोश जताया। स्थानीय जस्सूसर गेट से अन्दर स्थित मूलचंद पारीक स्टेचू से निकली ये रैली शहर के अन्दरूनी भागों से होती जिला कलेक्ट्रेट पहुंची। जहां सभा के रूप में परिवर्तित हो गयी। सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष व मंत्री डॉ. बी डी कल्ला ने कहा कि बिजली व्यवस्था को निजी कंपनी को ठेके पर दे देने से जनता के हितों पर आने वाले समय में गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेंगे जिसकी सहज कल्पना ही भयावह है। कल्ला ने कहा कि राज्य सरकार के अनुसार घाटे को आधार बनाकर के बीकानेर शहर की विद्युत व्यवस्था को 20 साल के ठेके पर दे दिया गया है। जबकि तथ्य यह है कि बीकानेर वृत राजस्व वसूली के संबंध में राजस्थान में प्रथम है । इसलिए सरकार का यह कदम तर्कसंगत एवं न्यायोचित नहीं है। तथापि यदि कही कोई घाटा हो तो उसका निराकरण कदापि निजीकरण या ठेकेदारी प्रथा नहीं है। पूर्व महापौर भवानीशंकर शर्मा ने कहा निजीकरण एवं ठेका पद्धति के आधार पर किये जा रहे निजीकरण की पोल का तो सरकार के द्वारा उठाये गये अनेक कदमों के परिणामों को देखकर सहज ही पता लगाया जा सकता है। सरकार ने पहले बिलिंग का कार्य, मीटर रिडिंग का कार्य, जी.एस.एस. के संचालन का कार्य तथा उपभोक्त ाओं की शिकायतों के निवारण का कार्य ठेके पर दिया जिसके सारे के सारे परिणाम प्रतिकूल रहे है। हालात यह है कि बिजली का फॉल्ट आने पर उपभोक्ता की शिकायत का निराकरण 72 घण्टे में भी नहीं हो पाता। जबकि यह कार्य शिकायत करने के 2 घण्टे में हो जाना चाहिए। गोपाल गहलोत ने कहा कि सरकारों का काम पब्लिक वैलफेयर होता है। इसमें मुनाफा या घाटा हमेशा गौण रहता है। परन्तु बिजली निजीकरण कर प्राइवेट कं पनियों को सौंपना सरक ार की नीयत को दर्शाता है। इसके बाद एक शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में जिलाध्यक्ष यशपाल गहलोत,देहात अध्यक्ष महेन्द्र गहलोत, प्रदेश सचिव जिया उर रहमान आरिफ,महिला कांग्रेस अध्यक्ष सुनीता गौड़, डॉ तनवीर मालावत, जमना बारूपाल, आनंद जोशी, शब्बीर अहमद,जावेद पडि़हार सहित अनेक कांग्रेसजन भी उपस्थित रहे।