बीकानेर । इस्लामी शरीअत में जो दखलअंदाजी के विरुद्ध शुक्रवार को भारतीय मुस्लिम कमेटी की जानिब से महाआंदोलन का आयोजन हुआ। जिसमें इस्लामी शरीअत में दखलअंदाजी की कोशिश के खिलाफ पूरे मुस्लिम समाज की तरह से विरोध किया गया। जिसमें शहर के तमाम औलामा शामिल हुए। कारी नवाज साहब ने मंच का संचालन किया और कुरआने पाक की तिलावत के बाद तर्जुमा करते हुए कहा कि तलाक को समझने की जरुरत है। प्रोग्राम को सम्बोधित करते हुए अल्हाज मौलाना गुलाम अहमद फरीदी जामा मस्जिद के इमाम ने कहा कि हिन्दुस्तान के संविधान ने प्रत्येक नागरिक को उसके धर्म का पालन करने ओर उसके अनुसार जीवन जीने का अधिकार दिया है। इस्लामी शरीअत में हर इंसान को उनका अधिकार दिया गया है। मोलिमा शाहिन पठान प्रथम ने अपने सम्बोधन में कहा कि दुनिया का कानून बदला जा सकता है लेकिन अल्लाह का कानून नहीं बदला जा सकता, हमें गर्व है कि हम इस्लाम को मानने वाली हैं और मुसलमान है। प्राप्त विज्ञप्ति के अनुसार मौलाना इरशाद कासमी ने कहा कि महिलाओं को जो अधिकार कुरआन में दिए गए हैं वो किसी और मजहब में नहीं है, कुरआन में मां को ये दर्जा दिया गया है कि मां के पैंरों तले जन्नत है, अगर बच्चे ने किसी दूसरी औरत का दूध पिया हो तो वो औरत भी उस बच्चे की मां का दर्जा रखती है और उस औरत के बच्चे भी उसके भाई बहन है।
‘अल्लाह वतने हिन्दुस्तान मेें अमनो सुकून कायम रखे’
प्रोग्राम के आखिर में हाजी मुश्ताक अहमद शहर काजी ने दुआ की कि अल्लाह वतने हिन्दुस्तान में बने संविधान की रक्षा करने की तोफीक अता फरमाए और हिन्दुस्तान में अमनो सुकून कायम रखे, हमारे लिए वतन पहले है और हमें अपने वतन पर नाज है और जो इस्लामी शरीअत में साजिश रची जा रही है हम उसकी मुखालफत करते हैं हमें उम्मीद है कि हमारी दुआ कबूल होगी और हमारे मुल्क हिन्दुस्तान में अमनो सुकून कायम रहेगा। दुआ के बाद लोगों द्वारा खड़े होकर हिन्दुस्तान के वीर शहीदों को खिराजे अकीदत पेश की गयी।