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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने व्यापारिक समुदाय को लाभान्वित करने वाले एक महत्वपूर्ण निर्णय के तहत एक नई योजना को मंजूरी दी, जिसके तहत व्यापारी समुदाय को पेंशन कवरेज देने की पेशकश की गई है। यह सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा की सुदृढ़ संरचना मुहैया कराने संबंधी प्रधानमंत्री के विजन का एक हिस्सा है।

यह योजना कैसे काम करती हैः

इस योजना के तहत सभी दुकानदारों, खुदरा व्‍यापारियों और स्‍व-रोजगार करने वाले लोगों को 60 वर्ष की आयु हो जाने के बाद 3000 रुपये की न्‍यूनतम मासिक पेंशन देना सुनिश्चि‍त किया गया है।

सभी छोटे दुकानदारों एवं स्‍व-रोजगार वाले लोगों के साथ-साथ ऐसे खुदरा (रिटेल) व्‍यापारी भी इस योजना के लिए अपना नामांकन करा सकते हैं या इससे जुड़ सकते हैं, जिनका जीएसटी कारोबार 1.5 करोड़ रुपये से कम है और जिनकी आयु 18 से 40 वर्ष तक है। इस योजना से 3 करोड़ से भी अधिक छोटे दुकानदार एवं व्‍यापारी लाभान्वित होंगे।

यह योजना स्‍व-घोषणा पर आधारित है, क्‍योंकि ‘आधार’ एवं बैंक खाते को छोड़कर किसी और दस्‍तावेज की जरूरत नहीं पड़ती है। इच्‍छुक व्‍यक्ति देश भर में फैले 3,25,000 से भी अधिक साझा सेवा केन्‍द्रों (कॉमन सर्विस सेंटर) के जरिये स्‍वयं का नामांकन करा सकते हैं या इससे जुड़ सकते हैं।

भारत सरकार इस योजना के सदस्‍य के खाते में समान योगदान देगी। उदाहरण के लिए, यदि 29 साल की उम्र का कोई व्‍यक्ति प्रति माह 100 रुपये का योगदान करता है तो केन्‍द्र सरकार भी प्रत्‍येक महीने सम्‍बन्धित सदस्‍य के खाते में सब्सिडी के रूप में ठीक उतनी ही राशि का योगदान करेगी।

पहले ही दिन एक प्रमुख वायदा पूरा कियाः

व्यापारिक समुदाय के लिए एक पेंशन संरचना का अनुकरण कर प्रधानमंत्री और उनकी टीम ने भारत की जनता से किए गए एक प्रमुख वायदे को पूरा किया है।  नरेन्द्र मोदी ने व्यापारियों को पेंशन देने की जरूरत का उल्लेख किया था जो विशेषकर उनकी वृद्धावस्था के दौरान उन्हें एक सम्मानित जीवन और वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।

इस निर्णय को व्यापारियों और छोटे एवं मझोले कारोबारियों के कल्याण के लिए उठाए गए कई अन्य कदमों के आलोक में भी देखा जा सकता है। व्यापारिक समुदाय से सुझाव या फीडबैक आमंत्रित करने के बाद वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को काफी सरल बनाया गया। इसी तरह ‘मुद्रा’ लोन मिलने से युवा भारत के उद्यमिता से जुड़ा उत्साह काफी बढ़ गया है। 1 करोड़ रुपये तक के ऋण अब आसानी से उपलब्ध हैं।

इन कदमों के साथ-साथ कई और तरह के ठोस प्रयासों से व्यापारिक समुदाय को काफी मदद मिलेगी।

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