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अपने सरल स्वभाव से एक बार फिर चमका राजस्थान का लाडला मेरे गाने से ज्यादा अहमियत रखते हैं, मुझे सुनने वाले राजा हसन

बीकानेर hellobikaner.in बॉलीवुड गायक राजा हसन सारेगामापा से ही अपने सरल और सहज स्वभाव से जाने जाते हैं। सफलता ने कभी भी उनको अपने आप पर हावी नहीं होने दिया और आज भी वे अपने गानों से ज्यादा अपने सुनने वालों और चाहने वालों को तव्वजो देते है।

हाल ही राजा हसन ने एक राजस्थानी गीत दिल गोता ही गोता खावे रे’ लिखा जिसे उन्होंने 14 फरवरी को अपने यू-ट्यूब चैनल पर रिलीज किया जिसमें आवाज भी स्वयं राजा हसन ने दी। गीत के रिलीज होते ही सोशल मिडिया पर हजारों में व्यूज और प्रशंसा मिली परन्तु गीत के बोल में मात्र एक शब्द को लेकर एक समाज विशेष के लोगों द्वारा ऐतराज किया गया और वो बोल गाने के एक अन्तरे में थे कि ‘इण गोरखधंधे में फंसिया दादा और पड़पोता’। इसमें ‘गोरखधंधा’ शब्द को लेकर एक समाज विशेष के विशेषकर हरियाणा और राजस्थान से विभिन्न लोगों द्वारा सोशल मिडिया पर ऐतराज किया गया कि यह शब्द गानें में नहीं होना चाहिए क्योंकि यह शब्द उनकी धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने वाला शब्द है।

हालांकि राजा हसन ने बताया कि गाना लिखते समय उनके दिमाग में इस शब्द को लेकर किसी भी समाज की भावना को ठेस पहुंचाने की बात नहीं थी और ना ही उन्हें यह बात पता थी कि इस शब्द ‘गोरखधंधा’ का संबंध किसी समाज विशेष वर्ग से है लेकिन फिर भी बीकानेर के इस लाल ने अपने लोगों के प्रेम और सौहार्द को ध्यान में रखते हुए इस बात का पता चलते ही यह गाना अपने यू-ट्यूब चैनल से तुरन्त हटा लिया और सोशल मिडिया पर एक विडियो जारी करके कहा कि उनका उद्धेश्य अपने गीतों से लोगों का मनोरंजन करना है ना कि किसी भी भावनाओं को ठेस पहुंचाना। उन्हें अपने गाने से ज्यादा प्यार अपने चाहने वालों से है तथा शीघ्र ही वे इस गाने से ‘गोरखधंधा’ शब्द को हटाकर नये शब्द के साथ अपने चैनल पर लॉन्च करेगें। इस कदम से राजा हसन ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वो दिलों पर राज करने वाले राजा है।

राजा के इस गाने को हटाने और विडियो संदेश जारी करने पर सोशल मिडिया पर उनके प्रशंसको ने उनके सपोर्ट में हेस-टेग #WesupportRajaHasan और #WerespectRajaHasan चलाया है। इस राजस्थानी गीत के विडियो में राजस्थान के कॉमेडियन मुरारी लाल पारीक ने भी अभिनय किया है। बॉलीवुड में पहचान बनाने के बावजूद राजा हसन राजस्थान और राजस्थानी फिल्म और गीतों से विशेष लगाव रखते हैं। अपने इसी राजस्थानी लगाव के चलते उन्होंने एक फिल्म ‘मरुधर म्हारो घर’ का निर्माण भी किया और उनका राजस्थानी गीत ‘खोटो सिक्को’ भी बहुत प्रसिद्धी पा चुका है

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