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हैलो बीकानेर न्यूज़ नेटवर्क, जयपुर, hellobikaner.com राजस्थान उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समर्थक विधायकों के इस्तीफे के मामले को लंबे समय तक लंबित रखने से इनकार करते हुए इस पर दस दिन में निर्णय करने के निर्देश दिए है।

 


मुख्य न्यायाधीश पंकज मिथल एवं न्यायमूर्ति शुभा मेहता की खंडपीठ ने उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र सिंह राठौड़ की याचिका पर सुनवाई करते हुए आज यह निर्देश दिए। मामले में 16 जनवरी को अगली सुनवाई होगी।

 


राठौड़ इस मामले में खुद पैरवी कर रहे है और उन्होंने मीडिया को बताया कि यह मामला मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ के सामने विचाराधीन था और मुख्य न्यायाधीश ने मामले को सुना।

 


उन्होंने कहा कि राजस्थान के संसदीय इतिहास में यह पहला मौका होगा कि जब खंडपीठ निर्देश देती है कि विधानसभा अध्यक्ष किसी भी उनके द्वारा किए निर्णय को विधानसभा के नियम एवं प्रक्रिया के तहत किया जाना चाहिए और उनको लंबे समय तक लंबित नहीं रख सकते।

 


राठौड़ ने बताया कि उन्होंने न्यायालय से आग्रह किया किया कि 23 जनवरी को विधानसभा का सत्र आहूत किया गया है और विधायकों के त्याग पत्रों पर क्या निर्णय हुआ, इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि दस दिन में निर्णय करे ।

 


उल्लेखनीय हैं कि गत 25 सितंबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी लेकिन गहलोत समर्थक करीब नब्बे विधायकों ने विधानसभा सभा अध्यक्ष डा सीपी जोशी के निवास जाकर उन्हें अपने सामूहिक इस्तीफे सौंप दिये थे। इसके बाद पिछले दिनों इस मामले को लेकर श्री राठौड़ ने न्यायालय में याचिका दायर की थी।

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