भारतीय इंजीनियरों और सॉफ्टवेयर विशेषज्ञों द्वारा दुनियाभर में निभाई जा रही भूमिका की सराहना करते हुए श्री गडकरी ने कहा कि अगर हम दुनिया भर में प्रतिस्पर्धात्मक रूप से बेहतर स्थान बनाना और उसे बरकरार रखना चाहते हैं, तो हमें अपनी परिसंपत्तियों से बेहतर लाभ प्राप्त करने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के पास लगभग 2 लाख किलोमीटर राजमार्ग हैं और उन्होंने समस्त राजमार्गों का उपयोग ऑप्टिक फाइबर, तेल और गैस पाइप लाइन बिछाने में करने की पेशकश की। उन्होंने कहा कि इससे मंत्रालय को कुछ राजस्व मिल सकता है जिसका इस्तेमाल सड़कों के निर्माण और रखरखाव में किया जा सकता है।
सड़क परिवहन क्षेत्र का उल्लेख करते हुए श्री गडकरी ने कहा कि बहुत जल्द ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के काम का पूरी तरह से कम्प्यूटरीकरण कर दिया जाएगा। ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के लिए किसी व्यक्ति की फिटनेस कम्प्यूटर कार्यक्रम के द्वारा तय की जाएगी और इसमें मानव हस्तक्षेप नहीं होगा। इससे लाइसेंस केवल योग्य चालकों को ही मिलेंगे जिससे सड़कों पर सुरक्षा में पर्याप्त वृद्धि होगी।
श्री गडकरी ने कहा कि मंत्रालय ने पिछले साल ई-टोलिंग की व्यवस्था शुरू की थी जिससे राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल प्लाजा में यातायात की भीड़भाड़ में कमी लाने में मदद मिली है। फास्टैग वाले ट्रकों और अन्य वाहनों को टोलगेट्स पर रुकने की जरूरत नहीं पड़ती। श्री गडकरी ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा वाहनों द्वारा इन फास्टैग का इस्तेमाल किए जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। जल्द ही ये टैग वाहनों के डीलरों को उपलब्ध करा दिये जायेंगे और सभी नए वाहनों पर ये टैग पहले से लगे होंगे। इस अवसर पर दूरसंचार सचिव सुश्री अरूणा सुंदरराजन ने भी अपने विचार प्रकट किए।