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एस पी मित्तल 
अजमेर के मदार क्षेत्र स्थित जेपी नगर में सरकार डिस्पेंसरी में 25 जून को एक महिला मरीज के साथ जो शर्मनाक घटनाक्रम हुआ उसमें अब वीडियो बनाने वाले चिकित्सा कर्मी बसंत राजोरिया की शामत आ गई है। वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने को लेकर सरकार और चिकित्सा महकमे की छवि खराब करने का आरोप राजोरिया पर लग गया है। राजोरिया को नौकरी से बर्खास्त भी किया जा सकता है।

25 जून को जब एक महिला कुत्ते के काटने का इलाज करवाने डिस्पेंसरी पहुंची तो मौजूद चिकित्सक प्रवीण कुमार बालोटिया ने कहा कि यदि आपको कुत्ते ने काटा है तो आप कुत्ते को काट लेते। महिला ने जब चिकित्सक की इस अभद्र टिप्पणी का विरोध किया तो चिकित्सक ने धमकी दी कि महिला के विरुद्ध एससी एसटी का मुकदमा दर्ज करवा दिया जाएगा। इस पर महिला ने कहा कि डॉक्टर साहब मैं तो आपकी जाति के बारे में भी नहीं जानती हंू तो आपको जाति सूचक शब्द कैसे बोल सकती हंू। मैं तो अपना इलाज करवाने आई हूं। चिकित्सक और महिला मरीज के बीच जो संवाद और हंगामा हुआ उसे डिस्पेंसरी के ही पीएमएच बसंत राजोरिया ने अपने मोबाइल में कैद कर लिया। बाद में राजोरिया ने ही वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट होते ही चिकित्सक बालोटिया के विरुद्ध लोगों का गुस्सा भड़क उठा। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. केके सोनी ने पांच सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर दिया है।

गंभीर बात ये है कि चिकित्सक और पीएमएच कर्मी दोनों ही एनएचएम के अंतर्गत अनुबंध पर कार्यरत हैं। सवाल उठता है कि अनुबंध वाले चिकित्सक भी ऐसा व्यवहार करेंगे तो पूरी चिकित्सा सेवा पर सवालिया निशान लगेगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस प्रकरण में अभी तक भी पीडि़त महिला ने कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई है। चिकित्सा विभाग सिर्फ वीडियो के आधार पर ही जांच कर रहा है। डॉक्टर सोनी का कहना है कि जांच रिपोर्ट के बाद ही दोषी कर्मियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही की जाएगी।

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