पिछले कुछ दिनों से इस खबर ने भारत ने खलबली से मचा रखी है कि यूआईडीएआई नाम से 18003001947 ये नंबर अचानक से भारत के मोबाइल यूजर के स्वत: ही सेव हो गया है। अब सवाल ये आता है कि अगर आपने यूआईडीएआई नाम से 18003001947 ये नंबर अपने मोबाइल में सेव नहीं किया तो फिर किसने ये नंबर आपके मोबाइल में सेव कर दिया है इसके पिछे क्या कारण है? भारत में आधार को मोबाईल से जोड़ा जा रहा है वहीं बैंक एकाउंट को भी आधार से जोड़ा जा रहा है ।
ये मामला सबसे पहले फ्रांसीसी सुरक्षा विशेषज्ञ एलियट एल्डरसन ने इसके लिए ट्विट किया की हेलो यूवाईडीएआई, कई लोगों को अपने मोबाईल में आपका फोन नंबर डिफाल्ट मिला है तो क्या ये आपकी ओर से किया गया है?
जानकारी के अनुसार भारत के सभी मोबाइल नेटवर्क कम्पनियों से इस बात से इंकार कर दिया कि यह नंबर उनके द्वारा उपभोक्ताओं के मोबाईल में नहीं भेजा गया है यहां तक कि यूआईडीएआई ने भी कहा है कि यह नंबर इनवैलिड है हमने किसी को स्मार्टफोन में इस नंबर को डालने को नहीं कहा।
UIDAI has reiterated that it has not asked or advised anyone including any telecom service providers or mobile manufacturers or Android to include 18003001947 or 1947 in the default list of public service numbers.
#### 5/5— Aadhaar (@UIDAI) August 3, 2018
सुत्रो के अनुसार ये सारी गलती एन्ड्रायड के मालिक गुगल की निकली और गुगल ने इसके लिए माफी भी माँग ली। गुगल का स्पष्टीकरण है कि उसने अनजाने में यूआईडीएआई के पुराने टोलफ्री नंबर समेत 112 अन्य हेल्पलाईन नंबर एंड्रायड फोन के सेटअप विज़ार्ड में दर्ज हो गये थे।
— Google India (@GoogleIndia) August 3, 2018
अब करें क्या ?
इसे ऐसे समझिए कि यदि वह हमारे आपके फोन के कांटेक्ट लिस्ट में कोई नंबर सेव कर सकता है तो वह हमारे आपके फोन से क्या क्या चुरा सकता है जानकारी के अनुसार गुगल ने कहा है कि यह नंबर चाहे तो उपभोक्ता अपने मोबाईल से डिलीट कर सकता है।