बीकानेर hellobikaner.in जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए पूरे ध्यान, भाव व लगन से मेहनत करनी पड़ती है। विद्यार्थियों को भी सफल होने के लिए सिर्फ कर्म करना चाहिए, प्रतिफल तो भगवान तथास्तु कहकर देंगे ही। ये विचार शुक्रवार को नालन्दा पब्लिक सी.सै. स्कूल में संतोष सागर महाराज ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहे। गीता विषय पर विद्यार्थियों को जानकारी देने के लिए स्कूल में पधारे महाराज ने कहा कि गीता सिर्फ एक पुस्तक नही, वरन् पूरा का पूरा मेनेजमेंट सिस्टम है। यह हमें धर्म के साथ-साथ जीवन के सभी पहलुओं का पूरा ज्ञान करवाती है।
महाराज ने विद्यार्थियों को परीक्षा के समय सिर्फ अपने कर्म पर ध्यान देने की बात कहते हुए समझाया कि आप यदि अपने परिणाम के बारे में सोचना शुरू करेंगे तो भगवान भी जहां तक आप सोच रहे हैं, उसी परिणाम के लिए तथास्तु कह देंगे। उन्होंने उदाहरण देते हुए समझाया कि यदि कोई छात्र परीक्षा के लिए तैयारी करते हुए यह सोचे कि उसके ९५ से १०० प्रतिशत तक अंक आ जाएंगे, तो भगवान भी उसकी मनोकामना को पूर्ण कर देंगे और यदि आप अपने परिणाम के बारे में नकारात्मक भाव से सोचेंगे तो परिणाम भी वैसा ही आएगा। उन्होंने कहा कि मनुष्य अपने कार्य से नहीं वरन् अपनी अनियमित दिनचर्या से थकान महसूस करता है। जीवन में नियमितता किस प्रकार लाई जा सकती है, इस बारे में गीता में विस्तार से समझाया गया है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को गीता जरूर पढऩी चाहिए।
इस अवसर पर गर्भस्थ शिशु संरक्षण समिति के रामकिशोर तिवाड़ी ने वर्तमान में व्याप्त लैंगिक असमानताओं पर चिंता जाहिर की। उन्होंने इस असमानता को दूर करने हेुतु बालिका शिक्षा व संवद्र्धन पर बल देने का आग्रह किया। छ:न्याति ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष भंवरलाल व्यास ने गीता श्लोकों का वाचन करते हुए इनकी महत्ता का बखान किया। कार्यक्रम के दौरान साहित्यकार गिरिराज पारीक, शिवशंकर तिवाड़ी ने भी विचार रखे।
इस अवसर पर संतोष सागर महाराज ने स्कूल के विजयगोपाल पुरोहित, हनुमान छींपा, सीमा पालीवाल, सीमा स्वामी, मुकेश तंवर, हरिनारायण आचार्य, बलदेव व्यास, प्रवीण राठी व उमेश सिंह चौहान को दुपट्टा पहनाकर व गीता भेंट कर सम्मान किया। इसके साथ ही समस्त विद्यार्थियों को भी गीता पुस्तक भेंट करते हुए आशीर्वाद दिया।
कार्यक्रम के अंत में शाला प्राचार्य राजेश रंगा ने सभी अतिथियों को माला पहनाकर अभिनंदन करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार लक्ष्मीनारायण रंगा के साहित्य की पुस्तकें भेंट की। रंगा ने इस अवसर पर संतोष सागर महाराज को आश्वासन दिया कि आने वाले समय में शाला परिवार के सभी विद्यार्थी गीता का सस्वर वाचन करने में सक्षम हो जाएंगे। इस अवसर पर शाला के अशोक शर्मा, भवानी सिंह, महावीर प्रसाद स्वामी, मीनाक्षी जोशी, प्रीति व्यास, घनश्याम ओझा, कार्तिक मोदी आदि उपस्थित थे।