जयपुर(हैलो बीकानेर न्यूज़)। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में शनिवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में हुई राज्य मंत्रिमण्डल एवं राज्य मंत्रिपरिषद की पहली बैठक में सबसे पहले मुख्यमंत्री ने जन घोषणा पत्र की प्रति मुख्य सचिव को सौंपी। मंत्रिमण्डल ने सर्वसम्मति से निर्णय किया कि यह जन घोषणा पत्र राज्य सरकार का नीतिगत दस्तावेज होगा एवं इसकी क्रियान्विति समयबद्ध एवं तत्परता से सुनिश्चित की जाए। इसके प्रभावी क्रियान्वयन हेतु मंत्रिमण्डलीय समिति का गठन करने के लिए सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया।
बैठक में डॉ. भीमराव अम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय एवं हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय को पुनः प्रारम्भ करने, सामाजिक सुरक्षा के तहत वृ़द्धावस्था पेंशन में बढ़ोतरी, सत्ता के विकेंद्रीकरण में प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पंचायतीराज चुनाव में शैक्षणिक योग्यता का प्रावधान समाप्त करने सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
मंत्रिमण्डल की बैठक में अल्पकालीन फसली ऋण माफी हेतु अंतर्विभागीय समिति गठित करने का निर्णय लिया गया है एवं मुख्यमंत्री को उक्त समिति में सदस्य मनोनीत करने के लिए अधिकृत किया गया है। यह समिति सहकारिता क्षेत्र के बैंक, राष्ट्रीयकृत बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक तथा भूमि विकास बैंक की ऋण माफी के लिए पात्रता एवं मापदण्ड तय करेगी।
बैठक में निर्णय लिया गया कि पूर्ववर्ती सरकार के समय बंद किए गए डॉ. भीमराव अम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय और हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय को पुनः प्रारम्भ किया जाएगा।
बैठक में निर्णय लिया गया कि स्थानीय निकाय चुनावों में मेयर, सभापति एवं अध्यक्ष का चुनाव पूर्व की भांति प्रत्यक्ष निर्वाचन पद्धति द्वारा कराया जाएगा।
राज्य मंत्रिपरिषद् ने बैठक में अहम फैसला करते हुए वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत दी जाने वाली पेंशन राशि प्रतिमाह 500 रुपए से बढ़ाकर 750 रुपए तथा 750 रुपए से बढ़ाकर एक हजार रुपए किया है।
बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार में संविदाकर्मियों, एनआरएचएम कर्मियों, पैराटीचर्स, उर्दू पैराटीचर्स, लोक जुम्बिश कर्मियों, आंगनबाड़ी कर्मियों, शिक्षाकर्मियों, विद्यार्थी मित्रों, पंचायत सहायकों आदि के अंतर्गत कार्यरत कार्मिकों की समस्याओं के समाधान के लिए कमेटी का गठन किया जाए। यह कमेटी इन सभी कार्मिकों की सुनवाई कर उनकी समस्याओं के समाधान के लिए त्वरित निर्णय करेगी। इस समिति का गठन मुख्यमंत्री के द्वारा किया जाएगा।
राज्य मंत्रिपरिषद् की बैठक में निर्णय किया गया कि राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम, 2011 तथा राजस्थान सुनवाई का अधिकार अधिनियम, 2012 का साथ-साथ उपयोग कर शासन में पारदर्शिता, जवाबदेही, संवेदनशीलता से आमजन की सुनवाई को सुनिश्चित किया जाएगा।
बैठक में यह भी निर्णय किया गया है कि पूर्ववर्ती सरकार के समय पंचायतीराज एवं स्थानीय निकाय चुनावों हेतु शैक्षणिक योग्यता का जो मापदण्ड निर्धारित किया गया था। सत्ता के विकेंद्रीकरण में प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए इस प्रावधान को समाप्त किया जाएगा। ताकि चुनावों में सभी नागरिक चुनाव लड़ने का अधिकार प्राप्त कर सकें।
बैठक में निर्णय लिया गया कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के समय प्रारम्भ महत्वाकांक्षी परियोजना बाड़मेर रिफायनरी का काम तीव्र गति से एवं समयबद्ध तरीके से पूर्ण किया जाएगा।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार के सभी मंत्रीगण अपने आवास पर प्रतिदिन प्रातः 9 बजे से 10 बजे तक प्रभावी जनसुनवाई सुनिश्चित करेंगे।
राज्य सरकार के समस्त लैटरपेड पर पूर्ववर्ती सरकार ने अशोक स्तम्भ के चिन्ह को एक तरफ कर बीच में श्री दीनदयाल उपाध्याय का चित्र स्थापित कर दिया था। बैठक में राज्य सरकार के लैटरपेड पूर्व की भांति ही किए जाने का निर्णय लिया गया।
बैठक में यह भी निर्णय किया गया कि मनरेगा का राज्य में प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना राज्य सरकार की प्राथमिकता रहेगी। इस हेतु मुख्य सचिव को निर्देश दिए गए हैं कि वे शीघ्र कार्य योजना बनाकर प्रस्तुत करें।