लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार फसल ऋण मोचन योजना के तहत प्रथम चरण में प्रदेश में पात्र पाये गये 11,93,224 किसानों के ऋण खातों में 7,371 करोड़ रुपए की धनराशि जमा कराई जा चुकी है।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार कुछ जिलों में आयोजित कैम्पों में अत्यधिक कम धनराशि के ऋण-मोचन प्रमाण पत्रों के वितरण के सम्बन्ध में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई है। योजना के प्रथम चरण में प्रदेश के कुल 11,93,224 किसानों के सापेक्ष कुल 7,371 करोड़ रुपए की धनराशि निम्नानुसार मूल्य-वर्ग में मोचित धनराशि के प्रमाण-पत्रों का वितरण किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि 4,814 किसानों के खातों में 01 से 100 रुपये तक, जबकि 6,895 किसानो के खातों में 100 से 500 तक, 5,553 किसानों के खातों में 500 से 1000 तक , 41,690 किसानों के खातों में 1000 से 10,000 तक और 11,27,890 किसानो के खातों में 10,000 से अधिक की धनराशि पात्र किसानों के ऋण खातों में न केवल ऋण की धनराशि मोचित की गई है, बल्कि ऋणी किसानों द्वारा ऋण के प्रतिभुगतान की गई धनराशि को घटाने के बाद, उस पर आगणित अवशेष ब्याज का भी एक लाख रुपए की सीमा तक मोचन फसल ऋण योजना में निर्धारित मानदण्डों के अनुसार किया गया है। इसके कारण कतिपय प्रकरणों में धनराशि अत्यन्त कम परिलक्षित हुई है।
प्रवक्ता के अनुसार सरकार के कृषि विभाग द्वारा जिलाधिकारियों को कैम्पों को आयोजित किए जाने के लिए निर्देशित किया गया है कि वे कार्य-योजना बनाकर जिले एवं तहसील स्तर पर कैम्प-आयोजन के उपरान्त, प्रत्येक बैंक शाखा स्तर पर पखवाड़ों का आयोजन कराकर अवशेष लाभार्थियों को बैंकों से प्रमाण पत्र उपलब्ध करायें।