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बीकानेर। ज्ञानोदय संस्था बीकानेर द्वारा भारतीय एवम ग्रीक दर्शनशास्त्र के समन्वय पर एक विचार गोष्ठी आयोजित की गई इसमें प्रमुख वक्ता फ्रांस पेरिस के शोध विद्यार्थी डॉ.बैप्टिस्ट रहे।
कार्यक्रम संयोजक डॉ. पंकज जोशी ने बताया की डॉ. बैप्टिस्ट ने ग्रीक दर्शन के बारे में गहनता से बात की और यह कहा की हालांकि ग्रीक दर्शन का कोई विशेष आधार नहीं है फिर भी विचारों को प्रकट करना और मेटाफिजिक्स मतलब भौतिकता से परे जाकर सोचने की विशेषता ग्रीक दर्शन का मुलभुत आधार है उन्होंने बताया की ग्रीक दर्शन व्यक्ति विशेष आधारित है।
कार्यक्रम में डॉ. योगेश कुमार व्यास ने भारतीय दर्शन पर प्रकाश डालते हुवे कहा की भारतीय दर्शन का आधार वेद ग्रन्थ पुराण आदि लिखित संरचनाये है उन्होंने भारतीय दर्शन को आस्तिक और नास्तिक भागो में बंटा हुवा बताया और जैन बौद्ध चार्वाक आदि नास्तिक जबकि षट दर्शन समूह को आस्तिक दर्शन बत्ताते हुवे भारतीय एवम पाश्चात्य दर्शन के मूल तत्वों पर विचार प्रकट किये डॉ. व्यास ने बताया की जब ग्रीक दर्शन का उदभव भी नहीं था तब भारतीय दर्शन की कई शाखाये फल फूल रही थी ।
राजीव आचार्य ने अपने संबोधन मे ओम शब्द का उच्चारण करके गुरु का भारतीय दर्शन में महत्व बताया उन्होंने भारतीय दर्शन और ग्रीक दर्शन के समन्वय पर प्रकाश डाला और ग्रीक दर्शन के भौतिकवादी पहलु श्रोताओ के सामने रखा उन्होंने ग्रीक दर्शन के महान दार्शनिको जैसे सुकारात प्लेटो आदि के सिद्दान्तो पर भी प्रकाश डाला
कार्यक्रम के अंत में डॉ. बैप्टिस्ट के ग्रीक दर्शन में योगदान हेतु उन्हें आयोजन समिति द्वारा सम्मानित किया गया इस अवसर पर डॉ. पंकज कुमार जोशी एवम गजानंद व्यास को शिक्षा के क्षेत्र में योगदान हेतु एवम अनुवादक की सेवाए देने के लिए स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर डॉ.उमेश लक्ष्मण सुदर्शन हेमंत राजश्री मीना मंजू गौमती आदि उपस्थित रहे
मंच संचालन डॉ.उमेश ने किया
लक्ष्मण व्यास ने आगंतुको को धन्यवाद दिया

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