दुर्घटना में लोगों को सफलतापूर्वक निकालना: जीवन की रक्षा करना
नौ साल के तौफिक को रात में एपेंडेसिटीस के कारण तीव्र दर्द होना शुरू हो गया। वह गुरेज में रहता है जहां इन स्थितियों में पर्याप्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं है। उसके लिए अगला सबसे अच्छा विकल्प उपचार हेतु श्रीनगर लाना था। उसे वहां से सुरक्षित लाने के लिए एयरफोर्स स्टेशन श्रीनगर को रात में सूचना मिली और उसके बाद हेलीकॉफ्टर को तैयार रहने को कहा गया। गुरेज़ के खराब मौसम ने कारण हेलीकॉप्टर सुबह में भी उड़ान नहीं भर सका। फिर भी हेलीकॉप्टर को किसी भी परिस्थिति में तैयार रहने को कहा गया। इसके कुछ देर बाद हेलीकॉप्टर को सूचना मिली कि गुरेज में मौसम में थोड़ा सुधार हुआ है। फिर क्या था, एयरफोर्स का हेलीकॉप्टर गुरेज के अपने मिशन के लिए निकल गया और सफलतापूर्वक वहां पहुंचकर तौफिक और उसके पिता को लेकर बर्फबारी का सामना करते हुए भी श्रीनगर पहुंचने में कामयाब रहा।
स्क्वाड्रन लीडर विनायक सिंह सिकरवार और “होवरिंग हाक” के सह-पायलट लक्ष्य मित्तल की अगुआई वाली भारतीय वायुसेना (आईएएफ) और इसके अत्यधिक प्रेरित क्रू की कार्रवाई ने एक जीवन को बचाया। तौफिक अब सही तरीके से श्रीनगर में चिकित्सा सुविधा ले रहा है।