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हनुमानगढ़ hellobikaner.in हादसों में कमी लाने व हादसों को रोकने के लिए सरकार ने इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस प्रोजेक्ट (आईआरएडी) शुरू किया है। इसके तहत सड़क दुर्घटनाओं का डटा बेस तैयार किया जाएगा। इसमें पुलिस, परिवहन, पीडब्ल्यूडी, चिकित्सा विभाग और एनएचएआई विभाग शामिल होंगे। हादसा होने पर पुलिसकर्मी घायल का नाम, वाहन नंबर, लाइसेंस संख्या, स्थान, दुर्घटना का संभावित कारण, फोटो तथा वीडियो मोबाइल एप पर लोड करेंगे।

इसके बाद संबंधित अधिकारियों के पास हादसे की सूचना पहुंच जाएगी और घायलों के इलाज के लिए समुचित इंतजाम शुरू हो जाएंगे। यह प्रोजेक्ट राजस्थान के अलावा देश के उन 6 राज्यों में पायलेट प्रोजेक्ट के तहत चल रहा है जो सर्वाधिक दुर्घटना वाले प्रदेश हैं। जिले में यह प्रोजेक्ट पुलिस, परिवहन, पीडब्ल्यूडी, एनएचएआई, चिकित्सा विभाग व एनआईसी के सहयोग से संचालित होगा, जिससे इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस प्रोजेक्ट (आईरेड) तैयार होगा। जो एक मोबाइल ऐप से संचालित होगा।

इससे पता लगेगा कि हादसा किन कारणों से हो रहे हैं व इनमें कमी कैसे लाई जाई। यह एप कैसे काम करेगा, इसका विधिवत प्रशिक्षण एनआईसी के डीआईओ ने शनिवार को जिला कलक्ट्रेट के सभागार में पुलिस व परिवहन विभाग के कर्मियों को दिया। एनआईसी विभाग के जिला सूचना अधिकारी शैलेन्द्र कुमार धनवारिया ने पुलिस व परिवहन विभाग के कर्मियों को विधिवत जानकारी दी। धनवारिया ने बताया कि मोबाइल एप में कैसे उनको डाटा फीड करना है। डाटा फीड होते ही संबंधित अधिकारियों को पास सूचना पहुंच जाएगी और घायल के इलाज की व्यवस्था भी शुरू हो जाएगी। यह भी बताया कि इस मोबाइल एप के जरिए यह भी पता लगाया जाएगा कि हादसे क्यों हो रहे हैं। हादसों में कमी कैसे लाई जाए।

 

इसको लेकर नए सिरे रणनीति बनाई जा सकेगी। इसके लिए वेब एल्पीकेशन एवं मोबाइल एप तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि एनआईसी टीम ने आईआईटी मद्रास के साथ मिलकर पोर्टल व एप्लीकेशन तैयार की है। इसके तहत हादसा स्थल से पुलिसकर्मियों को सड़क दुर्घटना का पूरा विवरण फोटो, वीडियो, प्रभावित शख्स का नाम, उम्र, पता, वाहन नंबर, स्थान, दुर्घटना संभावित कारण भरा जाएगा। इससे हादसे की सूचना का अलर्ट चुनिंदा विभागों के कार्मिकों के मिलेगा। इसके बाद इस संग्रहित डेटा का भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटी-एम) विश्लेषण करेगा और सड़क की रुपरेखा को सुधारने के लिए कदम उठाए जाएंगे।

इससे हादसों में कमी लाई जा सके। उन्होंने बताया कि अभी तक डेमो के लॉग इन पासवर्ड मिले हैं। उम्मीद है दस दिनों के भीतर जिले में इस पर कार्य शुरू हो जाएगा। प्रशिक्षण में जिला परिवहन अधिकारी जगदीश अमरावत, इंस्पेक्टर रामचन्द्र, पवन चुग, रायसिंह, प्रमोद चौधरी, सब इंस्पेक्टर अमित सूडा, राजीव, चन्द्रशेखर, वरिष्ठ सहायक सुनील गोदारा, सूचना सहायक धीरज, कालूराम, ललित मिगलानी आदि शामिल हुए।

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