हैलो बीकानेर न्यूज नेटवर्क, www.hellobikaner.com जयपुर। राज्य के सहकारिता मंत्री उदय लाल आंजना ने कहा है कि राजस्थान ग्रामीण परिवार आजीविका योजना के तहत 1.50 लाख परिवारों को अकृषि कार्यों के लिए 3000 करोड़ रूपये का ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा।
आंजना ने सोमवार को सहकार भवन में राजस्थान सहकारी ग्रामीण परिवार आजीविका योजना के लिए सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा तैयार किए गए ऋण आवेदन पोर्टल का लोकार्पण कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पात्र आवेदक को 25 हजार रूपये से दो लाख रूपये तक का ब्याज मुक्त ऋण केन्द्रीय सहकारी बैंकों द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ग्रामीण क्षेत्र के वंचित लोगों के लिए यह बजट घोषणा की है। उन्होंने कहा कि गहलोत द्वारा जो घोषणा की गई उसे उसी वित्तवर्ष में लागू किया गया है।
उन्होंने कहा कि गहलोत द्वारा जनता से जो वादे किये गये है, विभाग उन्हें गति देकर क्रियान्वित की ओर बढ़े। उन्होंने कहा कि इस योजना में आरसीडीएफ को भी जोड़ा गया है ताकि डेयरी क्षेत्र में पशुधन एवं दुग्ध उत्पादन के कार्य कर रहे पशुपालकों को फायदा मिलेगा। ग्रामीण क्षेत्र में पांच वर्ष से निवास कर रहे परिवारों को हस्तशिल्प, लघु उद्योग, कताई-बुनाई, रंगाई – छपाई एवं दुकान आदि के साथ पशुपालन, मछली पालन आदि गतिविधियों हेतु भी प्रति परिवार एक सदस्य को ऋण दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि पोर्टल के बन जाने से पारदर्शिता के साथ लोगों को इसका फायदा मिलेगा। विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा ने कहा कि यह योजना अकृषि कार्यों की गतिविधियों में आजीविका पर निर्भर परिवारों के बेहतरी के लिए है।
उन्होंने कहा कि इस योजना से राजीविका से जुड़े समूहों को विशेष रूप से फायदा होगा। ऋण की सम्पूर्ण प्रक्रिया पारदर्शी है। उन्होंने कहा कि ऋण का समय पर चुकारा / नवीनीकरण कराने वाले लाभार्थियों से कोई ब्याज वसूल नहीं किया जायेगा। सहकारी बैंकों द्वारा इस ऋण के लिए कोई प्रोसेसिंग फीस भी वसूल नहीं की जायेगी।
गुहा ने कहा कि पोर्टल पर ई-मित्र, पैक्स, सहकारी बैंकों की शाखाओं आदि स्थानों से ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। एसएसओ आईडी एवं इन्टरनेट उपलब्ध होने पर आवेदक अपने घर अथवा साइबर कैफे से भी आवेदन कर सकता है।