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समारंभ-सत्र
हैलो बीकानेर,। कबीर की एक आंख धार्मिक पाखंड, सामाजिक रूढिय़ों और साम्प्रदायिक भेदभाव के प्रति रक्ताभ है, वहीं उनकी दूसरी आंख से एक चिर-विरहणी की तरह आंसू टपकते नजर आते हैं। कबीर ने अपने समय की हर रूढि़ का प्रत्याख्यान एक करुण दृष्टि के साथ नितान्त व्यावहारिक धरातल पर किया है।
ये उद्गार प्रख्यात राजस्थानी साहित्यकार पद्मश्री चन्द्रप्रकाश देवल ने प्रकट किए। वे शुक्रवार को लोकायन संस्थान एवं बीकानेर पुलिस प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राजस्थान कबीर यात्रा : 2016 के तहत गंगाशहर स्थित ‘नैतिकता का शक्तिपीठ’ में आयोजित समारंभ-सत्र में प्रकट किए।
सत्र को पावन सान्निध्य दे रही आचार्य महाश्रमण की शिक्षानुवर्तिनी विदुषी शिष्या बहुश्रुत साध्वी कनकश्री ने कहा कि सन्तों की उपस्थिति ही संसार की आग को शान्त करने का काम करती है। साध्वीश्री ने कहा कि इस देश की सन्त परम्परा अत्यन्त प्राचीन है और इसी क्रम में मध्यकाल में जहां कबीर, तुलसी और सूर जैसे सन्तों का प्राकट्य हुआ, वहीं बीसवीं शताब्दी में धार्मिक क्रांति के सूत्रधार बनकर आचार्य तुलसी संसार में आए।
आरंभ में स्वागत भाषण देते हुए आचार्य तुलसी शान्ति प्रतिष्ठान के मंत्री लूणकरण छाजेड़ ने कहा कि आचार्य तुलसी के पावन समाधि-स्थल से आज देव-जागरण एकादशी को प्रारंभ होने वाली राजस्थान कबीर यात्रा जन-जन तक सह-अस्तित्व, सहिष्णुता और प्रेम का संदेश पहुंचाएगी, ऐसी कामना सहन ही की जा सकती है।
उद्घाटन-सत्र
लोकायन संस्थान व बीकानेर पुलिस के संयुक्त तत्वावधान में भंवर-नरसी-पूनम कुलरिया परिवार मूलवास के आर्थिक सौजन्य से आयोजित ‘राजस्थान कबीर यात्रा : 2016’ का उद्घाटन वेटरिनेरी विश्वविद्यालय परिसर स्थित दीवाने-आम में केन्द्रीय वित्त एवं कंपनी कार्य राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल, बीकानेर पुलिस अधीक्षक डॉ. अमनदीप सिंह कपूर, पूर्व विधायक देवीसिंह भाटी(कोलायत), बीकानेर (पश्चिम) विधायक गोपाल जोशी, जिला कलेक्टर वेद प्रकाश, लोकायन अध्यक्ष चित्रकार महावीर स्वामी तथा नरसी कुलरिया ने संयु्कत रूप से किया।
इस अवसर पर केन्द्रीय वित्त एवं कंपनी कार्य राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि यह छह दिवसीय कबीर-यात्रा मरुधरा बीकानेर में सांप्रदायिक सौहार्द तथा आध्यात्मिक प्रेम बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगी आने वाले समय में बीकानेर की पहचान राजस्थान कबीर यात्रा के नाम से होगी। उन्होंने कबीर के अनेक दोहों का जिक्र करते हुए कबीर को अनेक संदर्भो में प्रासंगिक बताया। उन्होंने स्वयं कबीर की वाणी गाकर श्रोताओं को मंत्रमुगध कर दिया। कबीर यात्रा के सहयोगी बीकानेर पुलिस अधीक्षक डॉ. अमनदीप सिंह कपूर ने कहा कि बीकानेर पुलिस अपनी निर्धारित भूमिका से कुछ अलग हटकर राजस्थान कबीर यात्रा जैसे सर्जनात्मक आयोजन से इसलिए जुड़ी है ताकि इस अवसर का लाभ पुलिस और जनसाधारण के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने के लिए उठा सके और हम इस यात्रा को बीकानेर के आस-पास के गांवों में लेजाकर साप्रादायिक सौहार्द, प्रेम तथा सद्भाव का संदेश पहुचाने का प्रयास कर रहे है। यात्रा के निदेशक गोपाल सिंह चौहान ने देश-विदेश से आए यात्रियों तथा प्रायोजक नरसी कुलरिया परिवार व अन्य सहयोगी संस्थाओं का धन्यवाद देते हुए कहा कि कबीर यात्रा सामुदायिक सहयोग के बिना संभव नहीं हो सकती।
उद्घाटन सत्र में पहली प्रस्तुति पूगल के मुख्यतारअली ने सूफी भजन ‘मनकुन्तो मौला’ से की इसके बाद इन्होंने कबीर का प्रचलित भजन ‘चदरिया झिन्नी रे झिन्नी’ सुनाया इसके बाद दिल्ली के मशहूर उर्दू दास्तागो अंकित चड्ढा ने कबीर आधारित ‘दास्तान ढाई आखर की’ की अद्भुत अदायगी से वातावरण को पूरी तरह कबीर मय कर दिया। मालवा के प्रख्यात वाणी गायक कालूराम बामनिया और बीकानेर के मुख्त्यार अली ने अपनी सूफी गायकी से श्रोताओं को अभिभूत कर दिया। लोकायन सचिव गोपालसिंह चौहान ने यात्रा के सहभागी बने देश-विदेश के दो सौ से अधिक कबीर-प्रेमियों समेत सभी के प्रति आभार प्रकट किया।

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