बीकानेर। राजस्थानी के वरिष्ठ साहित्यकार एवं राजस्थानी मान्यता आंदोलन के प्रवर्तक कमल रंगा को उनकी चर्चित काव्य पुस्तक ‘अदीठ साच’ पर नेम प्रकाशन डेह (नागौर) एवं अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति द्वारा घोषित मायड़ भाषा राजस्थानी पुरस्कार- 2019 के तहत ‘पारसमल पांड्या राजस्थानी साहित्य पुरस्कार’ अर्पित किया जाएगा।
आयोजक पवन पहाडिय़ा के अनुसार 1 मार्च 2020 को आयोजित समारोह के तहत रंगा को 11 हजार रुपए नगद, मान-पत्र, शॉल, साफा, प्रतीक चिह्न, श्रीफल आदि द्वारा पुरस्कृत-सम्मानित किया जाएगा। रंगा को मिले इस पुरस्कार पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए युवा शायर कासिम बीकानेरी ने बताया कि ‘अदीठ साच’ रंगा की राजस्थानी की चर्चित काव्य पुस्तक है। जिसमें पहली बार त्रेता युग, द्वापर युग एवं अन्य पौराणिक चरित्रों एवं घटनाओं को केन्द्र में रखकर समकालीन नवसंदर्भों एवं आधुनिक बोध के साथ काव्य रचा गया है। पुरस्कृत कृति में विशेष तौर से नारी एवं दलित चरित्रों पर महत्त्वपूर्ण रचनाएं हैं। पुरस्कार के निर्णायकों में प्रो. कल्याण सिंह शेखावत, डॉ. चेतन स्वामी, डॉ. मनोहर सिंह राठौड़, डॉ. श्यामसुंदर भारती, डॉ. गजादान चारण एवं लक्ष्मणदान कविया आदि थे।
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रंगा को घोषित इस पुरस्कार-सम्मान पर उन्हें अनेक साहित्यकारों एवं अन्य कलाओं से जुड़े हुए लोगों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बधाई दी। जिनमें प्रमुख रूप से डॉ. राकेश रावत, डॉ. राजेन्द्र पुरोहित, नन्दकिशोर सोलंकी, मधु आचार्य ‘आशावादी’, रवि पुरोहित, डॉ. बृजरतन जोशी, एड. सुरेन्द्र शर्मा, महावीर सांखला, राजेश गुप्ता, आनंद गौड़, धर्मेन्द्र वर्मा, पी.आर. लील, पुखराज सोलंकी, के.एल. बोथरा, शायर जाकिर अदीब, बुलाकी शर्मा, शिवाजी आहूजा, राकेश चावला, राम अग्रवाल, कासिम बीकानेरी, डॉ. मंजु कच्छावा, राजेन्द्र जोशी, हरीश बी. शर्मा, डॉ. फारूख चौहान, गिरिराज पारीक, गिरधारीदान रतनू, अनवर उस्ता, शिवशंकर भादाणी, गंगाबिशन विश्नोई, देव शर्मा, मोहन थानवी, माजिद खाँ गौरी, डॉ. भंवर भादाणी, आत्माराम भाटी, अमित-असित गोस्वामी, योगेन्द्र पुरोहित, डॉ. गोरीशंकर प्रजापत, लोकेश आचार्य, जुगलकिशोर पुरोहित, चन्द्रशेखर जोशी, प्रेमनारायण व्यास, भरत मेघवाल, सुरेन्द्र आचार्य, कार्तिक मोदी, भवानी सिंह आदि हैं।