अहमदाबाद। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान तथा गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी कल गांधीनगर जिले के मोटा ईशनपुर से प्रधानमंत्री एलपीजी पंचायत योजना की राष्ट्रव्यापी शुरूआत करेंगे।
इसके बाद अगले एक से डेढ साल में देश भर में ऐसे करीब एक लाख पंचायत आयोजित होंगे।
पिछले साल एक मई से गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले परिवारों की महिलाओं को निशुल्क गैस कनेक्शन दिये जाने की प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की 100 ग्रामीण लाभार्थी तथा तेल कंपनियों और मंत्रालय के प्रतिनिधि अधिकारी और स्थानीय एनजीओ और अन्य संस्थायें इसमें शिरकत करेंगी। 100 लाभार्थी आसपास के गांवों के होंगे। इसमें योजना के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा, जागरूकता, शंकाओं और भ्रांतियों का निवारण, अनुभव साझा तथा सुझाव लिये जायेंगे और जरूरी कदम उठाये जायेंगे।
गुजरात में तेल कंपनियों के राज्य समन्वयक तथा इंडियन ऑयल के कार्यकारी निदेशक संजीव जैन ने अन्य तेल कंपनियों के अधिकारियों के साथ आयोजित संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अब तक उज्ज्वला योजना के तहत 3 करोड लोगों को जोडा गया है जिसमें 11 लाख 39 हजार गुजरात के हैं। 2019 तक इसके तहत पांच करोड लाभार्थी बनाने का लक्ष्य है। देश में प्रति कनेक्शन साढे सात सिलेंडर की औसत सालाना खपत की तुलना में इस योजना के लाभार्थियों के मामले में अब तक यह आंकडा मात्र औसतन ढाई से सवा तीन ही है। जागरूकता की कमी, भय, एलपीजी पर बनने वाले भोजन की गुणवत्ता अच्छी नहीं होने जैसी भ्रांति आदि समेत इसके कई कारण हैं। एलपीजी पंचायत इनका निवारण कर इस संख्या को बढाने में कारगर होगा। सरकार सब्सिडी समाप्त करने जा रही है पर उज्जवला योजना जैसे लक्षित मामलों में यह जारी रहेगी।
देश में कुल 21 करोड एलपीजी कनेक्शन है और यह परिवार की संख्या के लिहाज से 77 प्रतिशत है। शहरों में तो यह 100 प्रतिशत के आसपास है जबकि गांव में 51 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि उज्जवला योजना के तहत लाभ के लिए देश भर में एक करोड 5 लाख सक्षम लोगों ने अपनी सब्सिडी छोडी है जिनमें से साढे चार लाख लोग गुजरात में है। राज्य में कुल गैस उपभोक्ताओं की संख्या 82 लाख है। गुजरात में उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों में से 35 प्रतिशत ने दोबारा सिलेंडर नहीं लिया है। गुजरात में लगभग सात हजार एलपीजी पंचायत आयोजित होंगे। प्रत्येक राज्य में इनका आयोजन आनुपातिक आधार पर होगा।