हैलो बीकानेर न्यूज़ नेटवर्क, www.hellobikaner.com, जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर में भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के चिकित्सकों की टीम ने एक महिला के सिर से 12 सेमी बड़ी गांठ निकाली है। न्यूरो ऑन्कोलोजिस्ट डॉ नितिन द्विवेदी एंड टीम की ओर से की गई यह सर्जरी गांठ के आकार और स्थान के कारण काफी चुनौतीपूर्ण थी। तीन घंटे चली इस सर्जरी के बाद मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ है और ऑपरेशन के दूसरे दिन से ही वह चलने में सक्षम हो गया।
डॉ द्विवेदी ने कहा कि विजयनगर निवासी भगवती बेहोशी की हालत में अस्पताल पहुंची। घर के सदस्यों ने बताया कि सर में दर्द, उल्टी और चक्कर आने की परेशानी कुछ दिनों से चल रही थी। ऐसे में महिला की ब्रेन एमआरआई कराई गई जिसमें गांठ होना पाया गया। इसके बाद सर्जरी कर गांठ को हटाया गया। सर के अंदर इतनी बड़ी गांठ को हटाते हुए आस-पास की नसों को सुरक्षित रखना इस सर्जरी में सबसे बड़ी चुनौती थी।
उन्होंने बताया कि तेज या लगातार रहने वाला सिरदर्द, चलने में परेशानी, तालमेल में समस्या, मांसपेशियों में कमज़ोरी, शरीर के एक तरफ़ कमज़ोरी, या हाथों और पैरों की कमज़ोरी, चक्कर आना, उल्टी या मतली आना, चुभन महसूस करना या स्पर्श कम महसूस होना, ठीक से बोलने और समझने में परेशानी या सुध-बुध खोना, दौरे पड़ना, धुंधला दिखना, बेहोशी आना, बोलने में कठिनाई या व्यक्तित्व में बदलाव, यह सभी लक्षण ब्रेन ट्यूमर से जुडे है। इन लक्षणों को अनदेखा नहीं करना चाहिए।
डॉ द्विवेदी ने बताया कि लोग ब्रेन ट्यूमर के नाम से डरते हैं, लेकिन यह ट्यूमर दूसरे ट्यूमर से बिल्कुल अलग होते है। जांच में 66 प्रतिशत ट्यूमर सामान्य ट्यूमर होते है। उन्होंने बताया कि पन्द्रह साल से कम उम्र के रोगियों का सर्वाइवल रेट 75 प्रतिशत होता है वहीं 15 से 39 उम्र के रोगियों को में 72 प्रतिशत और 40 से अधिक उम्र के रोगियों में 21 प्रतिशत सर्वाइवल रेट होता है। इसलिए ब्रेन ट्यूमर की पहचान होने पर उपचार से घबराना नहीं चाहिए। समय पर उपचार की शुरुआत रोगी को पूर्णतः ठीक करने में मददगार साबित होता है।