हैलो बीकानेर न्यूज़ नेटवर्क, hellobikaner.com, बीकानेर, डूंगर महाविद्यालय बीकानेर, राॅयल सोसाइटी आफ कैमिस्ट्री लंदन एवं ग्रीन कैमिस्ट्री नेटवर्क सेंटर दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किये जा रहे तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सिम्पोजियम व वर्कषॅाप के दूसरे पांच सत्रों में कार्यक्रम हुए।
प्रथम सत्र में लांस एजिल्स अमेरिका की प्रो. क्रिस्टीना एड्म्स ने ग्रीन कैमिस्ट्री व दवाईयों के उपयोगय से असाध्य बीमारियों के निदान पर व्याख्यान दिया, आईआईटी मुंबई के प्रोफेसर संदीप कार ने भौतिक व जैव रसायन के प्रयोगों को ग्रीन कैमिस्ट्री के माध्यम से करने पर चर्चा की, फीनिक्स अमेरिका के डाॅ. परिधि ने डेटा साईस के द्वारा प्रोग्राम बनाना एवं उनके उपयोग को दर्शाया। लीड्स विश्वविद्यालय इग्लैण्ड के डाॅ. कृष्णा शर्मा ने उत्पे्ररकीय रसायन का भोजन, जल व ड्रग्स निर्माण की ग्रीन तकनीकों की विवेचना की।
जोधपुर विश्वविद्यालय के प्रो. पी.के. शर्मा, मुंबई के प्रो. मनोज दाबड़े, पंजाब से से प्रो. एस रविचंद्रन, कोकाराझार आसाम से डाॅ. मानसी बुजर बरहुआ व डाॅ. प्रांजल कलिता, आईआईटी गांघीनगर से डाॅ. भास्कर दता, भोपाल से डाॅ. रचि दुबे, बीकानेर के डाॅ. राजेन्द्र पुरोहित, डाॅ. गौतम मेघंवशी, डाॅ. मीरा श्रीवास्तव, डाॅ. प्रवीण पुरोहित के आमंत्रित व्याख्यान सहित 20 युवा वैज्ञानिकों द्वारा पत्र वाचन किया गया।
आज के कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण विशाल पोस्टर सत्र रहा जिसमें हाथ निर्मित, फ्लैक्स, पावर पाईन्ट, पोस्टर एवं ई-पोस्टर सहित कुल 87 पोस्टर का प्रदर्शन रसायन विज्ञान गैलरी में किया गया। पोस्टर सत्र का उद्घाटन टांटिया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एम.एम. सक्सैना, जोधपुर विश्वविद्यालय के पूर्व रजिस्ट्रार प्रो. प्रदीप के शर्मा, लदाख विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.के. मेहता द्वारा किया गया जल शोधन, कृत्रिम लिवर वच्र्यूअल रिएलिटी, ग्रीन एनर्जी, हाइड्रोजन सेल, भुजिया, पापड़ के नवाचार उत्पाद में ग्रीन कैमिस्ट्री का उपयोग से संबंधित पोस्टर चर्चा का विषय रहें।
इसके अतिरिक्त ग्वारपाठे द्वारा निर्मित कलांकद, जलेबी, केडी, लड्डू, हलवा, पकौड़े एवं चीला आदि उत्पादों का सजीव प्रदर्शन ने बीकानेर में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के नवाचार शुद्ध फूड प्रोडेक्ट्स निर्माण की संभावनाओं को जाग्रत किया।
पोस्टर सत्र में 250 से अधिक डेलीगेट्स का ऐसा मानना रहा। बीकानेर की फूड इण्डस्ट्री को इस सत्र से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष लाभ हो सकेगा। अंतिम सत्र पे डाॅ. एच.एस. भंडारी के नेतृत्व में डाॅ. एस.एन. जाटोलिया, डाॅ. राजाराम व डाॅ. एस.के. वर्मा द्वारा विशिष्ट उपकरणों पर हैड्स ओन ट्रेनिंग दी गई।