बीकानेर। ऊर्जा, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डाॅ बी डी कल्ला ने कहा कि सूरसागर के ऐतिहासिक स्वरूप को बनाए रखने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएं। यहां पानी स्वच्छ रहे, इस ओर विशेष ध्यान दिया जाए।
डाॅ कल्ला शुक्रवार को सूरसागर का अवलोकन कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि जिला कलक्टर व निगम आयुक्त संयुक्त बैठक कर झील में बारिश के समय आने वाले पानी के डायवर्जन के लिए कार्ययोजना बनाएं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के नालों की समुचित और नियमित सफाई की जाए जिससे पानी का जमाव न हो। उन्होंने कहा कि कोटगेट, रतनबिहारी पार्क के पास तथा मुख्य पोस्ट आॅफिस सहित पुरानी गिन्नाणी के पास इस तरह के डायवर्जन बनाए जाए कि इन स्थानों पर आने वाला पानी नालों के माध्यम से सीधे शहर से बाहर निकल जाए।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इस तरह की व्यवस्था हो कि सूरसागर की दीवार और सीढ़ियों की टूट-फूट हुए बगैर आधुनिक मशीनों के माध्यम से सफाई कार्य करवाया जाए। उन्होंने कहा कि साथ ही समय-समय पर विभिन्न महाविद्यालयों के विद्यार्थियों के साथ मिलकर श्रमदान करवाएं जिससे साफ-सफाई तो होगी ही, आम लोगों का सूरसागर के प्रति लगाव भी बढ़ सकेगा।
डाॅ कल्ला ने कहा कि सूरसागर के ऐतिहासिक महत्व के साथ-साथ इस स्थान की सांस्कृतिक पहचान बने इसके लिए समय-समय पर यहां लोक संस्कृति से जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएं, ताकि अधिकाधिक लोगों का इस ओर रूझान हो।
सचिव और अभियंता दिन में तीन बार करेंगे निरीक्षण
जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने निर्देश दिए कि निगम द्वारा सूरसागर में जमा प्लास्टिक व कचरे को तुरंत हटवाया जाए। इस कार्य के लिए आवश्यकता अनुसार लेबर बढ़ाकर आगामी तीन दिन में पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने बताया कि सूरसागर के सामने स्थित जूनागढ़ की दीवारों पर जिले के पर्यटन स्थलों की पेंटिंग बनाई जाएगी। साथ ही यहां पर्यटन स्थलों की जिला मुख्यालयों से दूरी भी अंकित की जाए।
जिला कलक्टर व न्यास अध्यक्ष गौतम ने नगर विकास न्यास के सचिव और अधीक्षण व अधिशाषी अभियंताओं को निर्देश दिए कि सोमवार तक तीनों अधिकारी प्रतिदिन दिन में तीन बार सूरसागर में चल रहे कार्य का अलग-अलग निरीक्षण करेंगे तथा प्रतिदिन कार्य की प्रगति से लिखित में अवगत करवाएंगे। उन्होंने कहा कि सूरसागर की झील में गंदा पानी निकल जाए इसके लिए अतिरिक्त पंप लगाए जाएं। इस अवसर पर सम्बंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
डाॅ कल्ला शुक्रवार को सूरसागर का अवलोकन कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि जिला कलक्टर व निगम आयुक्त संयुक्त बैठक कर झील में बारिश के समय आने वाले पानी के डायवर्जन के लिए कार्ययोजना बनाएं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के नालों की समुचित और नियमित सफाई की जाए जिससे पानी का जमाव न हो। उन्होंने कहा कि कोटगेट, रतनबिहारी पार्क के पास तथा मुख्य पोस्ट आॅफिस सहित पुरानी गिन्नाणी के पास इस तरह के डायवर्जन बनाए जाए कि इन स्थानों पर आने वाला पानी नालों के माध्यम से सीधे शहर से बाहर निकल जाए।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इस तरह की व्यवस्था हो कि सूरसागर की दीवार और सीढ़ियों की टूट-फूट हुए बगैर आधुनिक मशीनों के माध्यम से सफाई कार्य करवाया जाए। उन्होंने कहा कि साथ ही समय-समय पर विभिन्न महाविद्यालयों के विद्यार्थियों के साथ मिलकर श्रमदान करवाएं जिससे साफ-सफाई तो होगी ही, आम लोगों का सूरसागर के प्रति लगाव भी बढ़ सकेगा।
डाॅ कल्ला ने कहा कि सूरसागर के ऐतिहासिक महत्व के साथ-साथ इस स्थान की सांस्कृतिक पहचान बने इसके लिए समय-समय पर यहां लोक संस्कृति से जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएं, ताकि अधिकाधिक लोगों का इस ओर रूझान हो।
सचिव और अभियंता दिन में तीन बार करेंगे निरीक्षण
जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने निर्देश दिए कि निगम द्वारा सूरसागर में जमा प्लास्टिक व कचरे को तुरंत हटवाया जाए। इस कार्य के लिए आवश्यकता अनुसार लेबर बढ़ाकर आगामी तीन दिन में पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने बताया कि सूरसागर के सामने स्थित जूनागढ़ की दीवारों पर जिले के पर्यटन स्थलों की पेंटिंग बनाई जाएगी। साथ ही यहां पर्यटन स्थलों की जिला मुख्यालयों से दूरी भी अंकित की जाए।
जिला कलक्टर व न्यास अध्यक्ष गौतम ने नगर विकास न्यास के सचिव और अधीक्षण व अधिशाषी अभियंताओं को निर्देश दिए कि सोमवार तक तीनों अधिकारी प्रतिदिन दिन में तीन बार सूरसागर में चल रहे कार्य का अलग-अलग निरीक्षण करेंगे तथा प्रतिदिन कार्य की प्रगति से लिखित में अवगत करवाएंगे। उन्होंने कहा कि सूरसागर की झील में गंदा पानी निकल जाए इसके लिए अतिरिक्त पंप लगाए जाएं। इस अवसर पर सम्बंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।