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बेड, ऑक्सीजन, दवाओं व मानव संसाधन की उपलब्धता तथा कार्यशीलता की हुई पड़ताल

 

हैलो बीकानेर न्यूज़ नेटवर्क, hellobikaner.com, बीकानेर। चीन में बच्चों में फैल रहे निमोनिया को देखते हुए केन्द्रीय स्वास्थ एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी एडवाइजरी अनुसार बुधवार को चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने मॉक ड्रिल कर उपलब्ध संसाधनों व व्यवस्थाओं का जायजा लिया। जिले के 51 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 17 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 3 उप जिला अस्पताल, 2 जिला अस्पताल व एक मेडिकल कॉलेज से संबध पीबीएम अस्पताल तक तैयारी का जायजा लिया गया जिसका निरीक्षण संभाग, जिला व खंड स्तरीय अधिकारियों द्वारा किया गया। यदि कोविड लहर की तरह कोई नई श्वसन बीमारी की लहर जिले तक पहुंचती है तो हम कितने तैयार हैं ? और कितनी व्यवस्थाएं बाकी है ? इस पर मंथन हुआ।

 

 

 

 

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मोहम्मद अबरार पंवार ने बताया कि मॉक ड्रिल के दौरान चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध बैड, आइसोलेशन बैड, ऑक्सीजन सर्पोटेड आइसोलेशन बैड, आईसीयू बैड, वेंटीलेटर बैड, मानव संसाधन की स्थिति, एम्बुलेंस सुविधा, जांच सुविधा, दवाइयों की उपलब्धता, उपकरण, तकनीकी सुविधा तथा उनकी आवश्यकता पड़ने पर क्रियाशीलता का जायजा लिया।

 

 

 

 

पीबीएम अस्पताल में संयुक्त निदेशक बीकानेर जोन डॉ देवेंद्र चौधरी, उपनिदेशक डॉ राहुल देव हर्ष, अस्पताल अधीक्षक डॉ पी के सैनी, डॉ गौरी शंकर जोशी और योगेश शर्मा की उपस्थिति में बेड, आईसीयू बेड, ऑक्सीजन प्लांट इत्यादि का निरीक्षण कर पाई गई कमियों को दूर करने पर विमर्श किया गया।

 

 

 

सीएमएचओ डॉ अबरार ने जिला अस्पताल नोखा में मॉक ड्रिल के दौरान ऑक्सीजन प्लांट में ऑक्सीजन के उत्पादन, स्टॉक व वार्डों में ऑक्सीजन सप्लाई संबंधी व्यवस्थाओं को देखा, दवाइयां के स्टॉक, जांचों की उपलब्धता, मानव संसाधन की स्थिति, एम्बुलेंस तथा उनकी क्रियाशीलता का जायजा लिया। मौके पर अस्पताल अधीक्षक डॉ सुनील बोथरा, सहस्त्रकरण उपाध्याय सहित स्टाफ मौजूद रहा।

 

 

 

 

डिप्टी सीएमएचओ स्वास्थ्य डॉ लोकेश गुप्ता द्वारा उप जिला अस्पताल श्रीडूंगरगढ़ का निरीक्षण कर किसी भी महामारी की लहर की स्थिति में तैयारी को परखा गया। मौके पर अस्पताल प्रभारी डॉ एस के बिहानी सहित स्टाफ मौजूद रहा। इसी प्रकार जिले के अन्य जिला व ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों ने मॉक ड्रिल कर चिकित्सा संस्थानों में संसाधनों की उपलब्धता व अन्य तमाम व्यवस्थाओं का जायजा लिया। देर शाम तक सभी अस्पतालों से रिपोर्ट संकलन व उसकी समीक्षा जारी रही, जिसके आधार पर कमियों को दूर करने की कार्यवाही की जाएगी।

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