Share

बीकानेर hellobikaner.in बीकानेर एमजीएसयू के सेंटर फॉर विमेंस स्ट्डीज की डायरेक्टर व इतिहास विभाग की सहायक आचार्य डॉ मेघना शर्मा ने आधुनिक इतिहास काल को महिला सुधार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बताते हुए इस दिशा में दयानंद सरस्वती, ईश्वर चंद विद्यासागर, विवेकानंद व महात्मा गांधी जैसे भारतीय सुधारकों व चिंतकों के सार्थक प्रयत्नों पर प्रकाश डाला।

 

वे विदिशा, मध्य प्रदेश के सम्राट अशोक टेक्निकल इंस्टीट्यूट के भारत सरकार व विश्व बैंक द्वारा प्रायोजित टेक्निकल एजुकेशन क्वालिटी इंप्रूवमेंट प्रोग्राम (TEQIP – III) के ऑनलाइन राष्ट्रीय आयोजन में मुख्य वक्ता के रूप में अपनी बात रखते हुए बोलीं कि महिला सशक्तीकरण की दृष्टि से आधुनिक इतिहास काल पुनर्जागरण काल साबित हुआ। उन्होंने प्राचीन भारत से लेकर वर्तमान काल तक देश की महिलाओं की स्थिति पर एक चिंतन प्रस्तुत किया व कहा कि महिलाओं के लिए आत्म रक्षा के गुर सीखना आज समय की मांग है जिससे वे अपने सम्मान की रक्षा करने पर किसी और पर निर्भर ना रहे।

 

 

डॉ मेघना के व्याख्यान का विषय “वीमेन एंपावरमेंट एंड कर्रेंट सीनारियो विथ रिफ्लेक्शन्स फ्रॉम द पेजेज ऑफ हिस्ट्री” रहा जिसमें महिला उत्थान से जुड़ी सरकारी योजनाओं के बारे में भी डॉ मेघना से विस्तार से चर्चा की। आयोजन में मुख्य अथिति सम्राट अशोक टेक्निकल इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. जनार्दन रहे जिन्होंने शिक्षा के बढ़ने पर उल्टे महिलाओं के प्रति हो रहे अत्याचारों में हुई बढ़ोतरी पर चिंता व्यक्त करते हुए अपना उद्बोधन दिया। विशिष्ट अतिथि डॉ. राजीव जैन ने कहा कि महिला पुरुष समानता सामाजिक और मानसिक दोनों ही स्तरों पर होगी तभी समाज का उत्थान संभव होगा। कार्यक्रम का संचालन आयोजन समन्वयक डॉ पूनमलता सागर द्वारा किया गया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन संस्थान की डॉ शुभा खत्री ने दिया।

 

 

About The Author

Share

You cannot copy content of this page