लोकसभा चुनाव से पहले देश की मोदी सरकार ने बहुत बड़ा फैसला लिया है। सूत्रों की माने तो मोदी की केबिनेट ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण देने की मंजूरी दे दी है। इसके तहत गरीब सवर्णों को भी आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। इसके लिए संविधान संशोधन के जरिए सरकार आरक्षण के कोटे को बढ़ाएगी। सूत्रों के अनुसार सरकार मंगलवार को संसद में संविधान संशोधन विधेयक पेश कर सकती है।
अगर विधेयक पास हो जाता है तो आरक्षण का कोटा अब 49.5 से बढ़कर 59.5 फीसदी हो जाएगा। इसके लिए संविधान संशोधन बिल लाया जाएगा। नए फैसले के बाद जाट, गुज्जरों, मराठों और अन्य सवर्ण जातियों को भी आरक्षण का रास्ता साफ हो जाएगा बशर्ते वो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग में आते हों।
मुख्य बातें
-8 लाख रुपये से कम सालाना आमदनी वाले आरक्षण के दायरे में आएंगे।
-जिनके पास 1000 वर्ग फीट से ज्यादा आकार का घर होगा, वो इस आरक्षण के दायरे में नहीं आएंगे।
-राजपूत, भूमिहार, जाट, गुज्जर, बनिया को मिलेगा ईबीसी आरक्षण का लाभ।
मौजूदा आरक्षण की स्थिति
कुल आरक्षण – 49.5%
अनुसूचित जाति (SC) – 15%
अनुसूचित जनजाति (ST) – 7.5 %
अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) – 27 %