अयोध्या। विश्व हिन्दू परिषद के अन्तर्राष्ट्रीय संगठन महामंत्री दिनेश चन्द्र ने आज यहांं कहा कि विवादित श्रीरामजन्मभूमि पर मस्जिद किसी कीमत पर स्वीकार नहीं है।
विहिप के मुख्यालय कारसेवकपुरम् में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए श्री चन्द्र ने कहा कि अयोध्या में स्थित विवादित श्रीरामजन्मभूमि पर मंदिर के साथ किसी भी कीमत पर मस्जिद स्वीकार नहीं की जायेगी। राम मंदिर मसले पर विहिप को उच्चतम न्यायालय का निर्णय मान्य है। आशा ही नहीं बल्कि पूरा विश्वास है कि न्यायालय का निर्णय मंदिर के ही पक्ष में रहेगा क्योंकि यह करोड़ों हिन्दुओं की जनभावनाओं से जुड़ा हुआ विषय है और साक्ष्य भी है।
उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण अधिग्रहीत 70 एकड़ भूमि रामलला को दी जानी चाहिये जिस पर भव्य मंदिर का निर्माण हो सके। सवा तीन एकड़ में भगवान राम का मंदिर तथा शेष बचे हुए जगहों पर बाग-बगीचे, पार्किंग एवंं जनसुविधाओं से जुड़ी हुई चीजें बनेंगी जो राम मंदिर की भव्यताओं को और अधिक प्रदर्शित करेगी।
विहिप महामंत्री ने जोर देकर कहा कि अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा के अन्दर हमें मस्जिद स्वीकार नहीं है। यहाँ तक कि पूरे देश में बाबर के नाम पर कोई भी मस्जिद किसी कीमत पर मंजूर नहीं है। राम मंदिर का निर्माण साधु-संतों के ही नेतृत्व में होगा। अब संत निर्णय लेंगे वहीं सभी को मान्य होगा और उन्हीं के नेतृत्व में हम सब लोग आगे बढ़ेंगे।
उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम के मंदिर के लिये पहली मंजिल की पत्थर का तराशी का काम पूरा हो गया है जो न्यास कार्यशाला रामघाट पर तराश कर रखा है। अब दूसरी मंजिल के पत्थरों की तराशी का काम शुरू हो गया है और अभी भी राम मंदिर निर्माण के लिये पाँच सौ ट्रक पत्थरों की और आवश्यकता है।