हैलो बीकानेर न्यूज नेटवर्क, www.hellobikaner.com जयपुर। ए.सी.बी. मुख्यालय के निर्देश पर स्पेशल इन्वेटिगेशन विंग, (एस.आई.डब्ल्यू.) जयपुर इकाई द्वारा कार्यवाही करते हुये सुशील गुर्जर मेयर पति नगर निगम हैरिटेज, जयपुर एवं उसके दलाल नारायण सिंह व अनिल दुबे (प्राईवेट व्यक्ति) को परिवादी से 2 लाख रुपये रिश्वत राशि लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अतिरिक्त महानिदेशक हेमन्त प्रियदर्शी (अतिरिक्त चार्ज महानिदेशक) ने बताया कि ए.सी.बी. की स्पेशल इन्वेटिगेशन विंग, (एस.आई.डब्ल्यू.) जयपुर इकाई को परिवादी द्वारा शिकायत दी गई कि उसके द्वारा आवेदित पट्टे की फाईल में पट्टा जारी करने की एवज में सुशील गुर्जर मेयर पति नगर निगम हैरिटेज, जयपुर द्वारा उसके दलाल नारायण सिंह व अनिल दुबे (प्राईवेट व्यक्ति) के माध्यम से 2 लाख रुपये रिश्वत राशि मांग कर परेशान किया जा रहा है।
जिस पर एसीबी जयपुर के उप महानिरीक्षक पुलिस रणधीर सिंह के सुपरवीजन में में शिकायत का सत्यापन किया जाकर आज अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ललित शर्मा एस.आई.डब्ल्यू जयपुर, विशनाराम इन्टेलिजेंस जयपुर एवं श्री बलराम सिंह मीणा जयपुर नगर चतुर्थ की संयुक्त टीमों के द्वारा मय ट्रेपकर्ता पुलिस निरीक्षक सज्जन सिंह एवं टीम के ट्रेप कार्यवाही करते हुये दलाल नारायण सिंह पुत्र भंवर सिंह राजपूत निवासी 55ए, नेहरू नगर, हटवाड़ा रोड़, जयपुर को परिवादी से परिवादी से 2 लाख रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। प्रकरण में संलिप्तता के आधार पर आरोपी सुशील गुर्जर पुत्र रामप्रसाद गुर्जर निवासी ए-3, आदर्श कॉलोनी, शक्तिनगर, हटवाड़ा रोड़, हसनपुरा, जयपुर (मेयर पति नगर निगम हैरिटेज, जयपुर) एवं अनिल दुबे पुत्र स्व. सुदर्शन दुबे निवासी 173, शक्तिनगर, हटवाड़ा रोड़, हसनपुरा, जयपुर को भी गिरफ्तार किया गया है।
कार्यवाही के दौरान आरोपी सुशील मेयर पति के निवास निवास की तलाशी में 40 लाख रुपये से अधिक नगदी बरामद हुई है। परिवादी के पट्टे की फाईल भी आरोपी सुशील गुर्जर मेयर पति के निवास से बरामद की गई है। आरोपी दलाल नारायण सिंह के निवास की तलाशी में 8 लाख रुपये से अधिक नगद राशि बरामद की गई है। आरोपियों के आवास एवं ठिकानों पर एसीबी की विभिन्न टीमों द्वारा तलाशी अभियान जारी है।
एसीबी के उप महानिरीक्षक पुलिस रणधीर सिंह के निर्देशन में आरोपियों से पूछताछ जारी है। एसीबी द्वारा मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जायेगा ।