बीकानेर hellobikaner.in धरणीधर रंगमंच में चल रही भागवत कथा के तृतीय दिवस पर कथावाचक श्री श्री कृपा व्यास ने अनेक प्रसंग का वाचन करते हुए बताया कि किस प्रकार भगवान ध्रुव को भगवान की उपाधि प्राप्त हुई।
उन्होंने बताया की घर परिवार छोड़कर भगवान ध्रुव ने जिस प्रकार तपस्या की आज उसीका परिणाम है कि हम आज भी भगवान ध्रुव के दर्शन कर पाते हैं। उसके पश्चात भगवत गीता में अपने ही घर में जब सती का उनके पिता राजा दक्ष द्वारा अनादर होता है और वह सब कुछ त्याग कर और अपने शरीर को अग्नि में समाप्त कर देती है।
तब भगवान भोले शंकर क्रोध में आकर और अपने ससुर का सर काट देते हैं तत्पश्चात भगवान विष्णु के अवतरण के बाद सब देवता उन्हें प्रार्थना करते हैं तो वे अपने ससुर के सर पर बकरे का सर लगा कर उन्हें पुनर्जीवित करते हैं।
श्री श्री कृपा व्यास ने बताया कि कल नंद उत्सव का कार्यक्रम है जिसमे मुख्य अतिथि कन्हैया लाल झंवर होंगे। भगवान कृष्ण का जन्म होगा बधाइयां बांटी जाएगी। आज भगवान महादेव की भूमिका में जागृति पुरोहित विष्णु की भूमिका में विवेक रंगा पर्व की भूमिका में शिक्षा आचार्य ने अपनी भूमिका निभाई। इस अवसर पर पधारे हुए गणमान्य व्यक्तियों का संस्था के अध्यक्ष मीना आचार्य ने सभी का धन्यवाद प्रेषित किया। मंच का संचालन रोहित बोड़ा ने किया।