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हैलो बीकानेर न्यूज़ नेटवर्क, www.hellobikaner.in,                          जयपुर। भारत में सिर की चोट से मृत्यु के मामलें लगातार बढ़ते जा रहे हैं और सड़क सुरक्षा नियमों का पालन एवं इसके प्रति जागरुकता लाकर इसमें कमी लाई जा सकती हैं। द वर्ल्ड फैडरेशन ऑफ न्यूरोसर्जरी (डब्ल्यूएफएनएस) के उपाध्यक्ष (पहले भारतीय) डा वी डी सिन्हा ने बुधवार को यहां भारत में पहली बार आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय न्यूरोट्रॉमा (इकरान 2024) सम्मेलन के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए यह बात कही।

 

 

 

 

 

उन्होंने कहा कि हैड इंज्यूरी की भारत में बड़ी समस्या हैं और वर्ष 2017 में एक लाख 47 हजार लोगों की सिर में चोट लगने से मौत हुई। इसके बाद वर्ष 2020 में एक लाख 54 तथा वर्ष 2022 में एक लाख 68 हजार लोगों की हैड इंज्यूरी से मृत्यु हुई। उन्होंने कहा कि इसमें लगातार वृद्धि होती जा रही है। उन्होंने बताया कि जयपुर में एक से तीन मार्च तक होने वाले भारत के पहले अंतर्राष्ट्रीय न्यूरोट्रॉमा सम्मेलन में पश्चिमी देशों के 52 लोग भाग लेंगे और इस दौरान उनसे हैड इंज्यूरी मृत्यु दर को कैसे कम किया जाये, इस बारे में जानकारी एवं ज्ञान से हमारे देश को फायदा पहुंचेगा।

 

 

 

 

उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के नियमों को नहीं मानने के चलते 70 प्रतिशत मृत्यु हैड इंज्यूरी के कारण होती हैं और वाहन चलाते समय हेलमेट का उपयोग करके 70 प्रतिशत मृत्यु दर कम की जा सकती है। उन्होंने कहा कि वाहन चलाते समय सीट बेल्ट लगाना, वाहन को तेज गति से नहीं चलाना और सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने से मृत्यु दर में कम होगी।

 

 

 

 

डा सिन्हा ने बताया कि जब जयपुर में हेलमेट अनिवार्य हुआ था उस समय हैड इंज्यूरी से मरने वालों की दर 42 प्रतिशत थी और उसके अगले ही वर्ष एक साल में ही हेलमेट पहनने के कारण इसमें कमी आई और यह दर घटकर 21 प्रतिशत हो गई। उन्होंने कहा कि हेलमेट हैड इंज्यूरी को कम एवं गंभीरता को कम करता है। उन्होंने बताया कि इस सेमिनार में यह संदेश भी होगा। उन्होंने बताया कि इस सेमिनार में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को नि:शुल्क हेलमेट दिया जायेगा।

 

 

 

डा सिन्हा ने बताया कि सम्मेलन से पहले 29 फरवरी को एक कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा जिसके तहत एसएमएस अस्पताल में 50 विद्यार्थी (न्यूरोसर्जरी रेजींडेंट) भाग लेंगे और उन्हें इस दौरान प्रदर्शित माइक्रो सर्जरी को देखकर ब्रेन की जटिलता को समझेंगे। उन्होंने बताया कि सेमिनार के पहले दिन एक मार्च को होटल आमेर क्लार्क में एक जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा जिसमें सड़क सुरक्षा एवं अंगदान को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए वॉकथान का आयोजन होगा जो सुबह आठ से साढ़े दस बजे तक होगा।

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