हैलो बीकानेर न्यूज़ नेटवर्क, www.hellobikaner.com, जयपुर। गर्मी के मौसम में प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी जिलों में आकस्मिक कार्यों के लिए 50-50 लाख रुपये की राशि खर्च करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके तहत जिला कलक्टर्स की अनुशंषा पर सम्बंधित क्षेत्र के अतिरिक्त मुख्य अभियंता अपने अधीन आने वाले जिलों में 50 लाख रुपये तक की सीमा में पेयजल व्यवस्था से सम्बंधित आवश्यक कार्य करा सकेंगे।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. महेश जोशी ने बताया कि प्रत्येक जिले के लिए स्वीकृत धनराशि का उपयोग विभागीय नियमों और प्रावधानों का पालन करते हुए अधिकतम उपभोक्ताओं को लाभांवित करने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा। अधिकारियों को स्वीकृत किए जाने वाले कार्यों को एक निश्चित समयावधि में पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं जिससे गर्मी के मौसम में प्रभावित उपभोक्ताओं को राहत प्रदान की जा सके। सभी जिलों में 50 लाख रुपये की सीमा में ही खर्च की अनुमति होगी, अगर किसी स्थान इस सीमा के बाहर व्यय की आकस्मिक जरूरत होगी तो सक्षम स्तर से इस बारे में विचार करते हुए निर्णय लिया जाएगा।
डॉ. जोशी ने बताया कि फिलहाल प्रदेश के 16 शहरों – जयपुर, अजमेर, करौली, तिजारा, अलवर, राजगढ, बांदीकुई, दौसा, बसवा, विराटनगर, शाहपुरा, बगरू, सिवाना, जैसलमेर, देवगढ़ एवं पिलानी तथा सिरोही, राजसमन्द, जैसलमेर एवं प्रतापगढ़ जिलों के 382 गांवों में पेयजल परिवहन किया जा रहा है, जिसे आवश्यकतानुसार आगामी दिनों में बढ़ाया जाएगा। जिलों में टैंकरों से जल परिवहन व्यवस्था एवं दरों के निर्धारण के लिए जिला कलक्टर एवं उपखण्ड स्तर पर उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी गठन कर आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि टैंकरों से जलापूर्ति के लिए 3 कूपन सिस्टम की सभी जिलों में पालना के निर्देश जारी किए गए हैं। टैंकरों की मॉनिटरिंग के लिए जीपीएस एवं ओटीपी की व्यवस्था रहेगी।
अतिरिक्त वाहन एवं संविदा श्रमिकों की स्वीकृति- गर्मी के सीजन में पेयजल आपूर्ति की मॉनिटरिंग के लिए विभाग ने वर्ष 2023-24 में 110 नियमित वाहन के अतिरिक्त 1 अप्रेल 2023 से 30 अप्रेल 2023 तक के लिए 400 अतिरिक्त वाहनों एवं 01 मई 2023 से 31 अगस्त 2023 तक 450 किराये के वाहनों के उपयोग की भी स्वीकृति जारी की है।
विभाग में नियमित किराए के 350 वाहनों के अलावा स्वीकृत इन वाहनों का उपयोग हैंडपम्प मरम्मत अभियान और समर कंटीजेंसी कार्यों के साथ पेयजल परियोजनाओं तथा जलापूर्ति से सम्बंधित कार्यों की निगरानी के लिए भी किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, पेयजल गुणवत्ता जांच हेतु सभी 33 जिलों में एक-एक अतिरिक्त वाहन की स्वीकृति भी दी गई है।
हैंडपम्प मरम्मत अभियान तथा जलापूर्ति से सम्बंधित कार्यों के लिए विभाग में 1 अप्रेल 2023 से 30 अप्रेल 2023 तक के लिए 2 हजार संविदा श्रमिक एवं 01 मई 2023 से 31 अगस्त 2023 तक 2 हजार 500 संविदा श्रमिकों की भी स्वीकृति जारी की गई है।
पेयजल की समस्या वाले गांवों, कस्बों एवं आबादियों में नए टयूबवैल, हैंडपम्प आदि स्वीकृत किए गए हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 5 हजार 254 हैंडपम्प एवं 3 हजार 475 टयूबवैल की कमीशनिंग की गई है। जिलों में पेयजल व्यवस्था की मॉनिटरिंग के लिए चीफ इंजीनियर एवं एडिशनल चीफ इंजीनियर स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों को जिलों का प्रभारी अधिकारी बनाया गया है।
जलदाय विभाग के सभी क्षेत्रीय एवं जिलों के प्रभारी अभियंताओं को हैंडपम्प मरम्मत अभियान, पेयजल योजनाओं के रखरखाव तथा मॉनिटरिंग के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि गर्मी के मौसम में प्रदेश के किसी भी हिस्से में लोगों को पेयजल से संबंधित कोई परेशानी नहीं हो।
जयपुर जिले में 50 लाख की कंटीजेंसी स्वीकृत- जयपुर जिले के लिए 50 लाख रूपए का कंटीजेंसी प्लान स्वीकृत किया गया है। इसमें जयपुर सिटी सर्कल (उत्तर) के लिए 11.65 लाख, सिटी सर्कल (दक्षिण) के लिए 13 लाख तथा जयपुर जिला सर्कल के लिए 25.36 लाख रूपए की स्वीकृति दी गई है।
नहरबंदी वाले जिलों पर विशेष फोकस- जलदाय मंत्री ने बताया कि नहरबंदी से प्रभावित बीकानेर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, बाड़मेर, जोधपुर, जैसलमेर, चुरू, नागौर, झुंझुनू और सीकर जिलों में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जल परिवहन, पर्याप्त मात्रा में जल संग्रहण, निजी जल स्रोतों को लीज पर लेने सहित कई आवश्यक तैयारियां पहले से कर ली गई हैं। इसके अतिरिक्त, इन जिलों में नहरबंदी के दौरान अन्तिम छोर पर पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 256 आकस्मिक कार्यों हेतु 67.28 करोड रूपये की स्वीकृतियां जारी की जा चुकी हैं। यहां मुख्यतया सुखे नलकूपों के स्थान पर नये नलकूप, जल परिवहन, कम गहराई के नलकूप जैसे कार्य करवाये जा रहे हैं।