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बीकानेर। बीकानेरी पान के बारे में कहा जाता है की इसको “जिसने खाया वो बन गया दीवाना” पान उत्तरप्रदेश और बिहार में भी बड़े शौख से खाया जाता है और बीकानेर में भी। बस पान बनाने और खाने के तरीके दोनों जगह थोड़े मुख्तलिफ हैं। उत्तरप्रदेश में पान को छोटे छोटे टुकड़ों में काटकर, उस पर कत्था चूना अलग अलग रखकर, उसमे छोटे छोटे दो सुपारी के टुकडो का रखा जाता है और एक पान, लौंग या इलायची लगाकर पेश किया जाता है। कुछ लोग एक साथ, दो पान भी एक बार में मुंह में रखना पसंद करते हैं। साथ में एक अलग प्लेट में चूना, सुपारी और तम्बाकू को सजाकर, ग्राहक के सामने पेश कर दिया जाता है और ग्राहक अपनी स्वादानुसार सुपारी, तम्बाकू और चूना लेकर ऊपर से खा लेता है।

यंहा बीकानेर में पान बनाने और खाने का तरीका काफी अलग है. पान की कई किस्मे यंहा है जैसे मद्राशी पान , कल्कत्ती पान , बनारसी पान . बीकानेर की पनवाडियो पे पान का एक बडा पत्ता लिया जाता है, गलती से अगर पत्ता हल्का सा भी छोटा है, तो दो पत्ते लिए जाते हैं फिर उनको एक के ऊपर एक रखा जाता है

उन पर कंजूसी न करते हुए चूने और कत्थे का लेप किया जाता है, कत्थे की मात्रा इतनी ज्यादा होती है की कत्था पान लगाने वालो की उंगलियों तक तैर जाता . उसपर फिर आपकी पसंद स्वादानुसार सुपारी, लौंग, इलायची, चैरी ,नारियल पाउडर कई तरह के मसाले और तम्बाकू डाला जाता है और पेश किया जाता है एक विशालकाय पान की खाने के बाद मन करेगा पान वाले को शाबाशी दी जाए बेहद विशाल पान के लिए।

इस दुनिया में शयद ही कोई एसा शक्श होगा जो इस पान को पूरा का पूरा मुंह में डाल ले। ये काम भी वोही कर सकता है जो बीकानेर में अपने पुरखो को इतना विशालकाय पान खता देख बड़ा हुआ है या उनको देख कर सीखा है। बचपन में जब गर्मी की छुट्टियो में ननिहाल आते थे तब अक्सर मीठा पान खाने जाते थे उस समय कीमत 2 रुपए थी जब पहली बार खाया था फिर देश की आबादी की तरह कीमत और मसाले भी बढ़ गये।

बीकानेर में ये दुकाने है पान के लिए प्रसिद्ध 

मूलसा फूलसा ( सट्टा बाजार), भाया महाराज (मोहता चौक), श्रुति पान (नत्थूसर गेट), मुरली पान पैलेस (नत्थूसर गेट),  साखला पान (जस्सूसर गेट), पारीक पान (जस्सूसर गेट), महादेव पान भण्डार (जस्सूसर गेट),  स्वीट पान पैलेस (चौखुटी), पब्लिक पान पैलेस (जस्सूसर गेट), राजस्थान पान भण्डार (रानी बाज़ार) के आलावा भी कई और पान की दुकाने है जिनका पान लोगों को बेहद पसंद आता है।

बीकानेर की पान खाने वाले लगभग हर एक इंसान की जुबान पे राज करने वाली एक बेहद मशहूर और पुराणी पनवाड़ी का नाम है इसके मालिक है फूलसिंह। दूकान पे एक किलो सोने में लिपटे लम्बे तगड़े कद काठी के इंसान जिनकी पीढ़ी दर पीढ़ी ये दूकान चलती आ रही है और भीड़ देख के लगता है शयद युही चलेगी इनका सबसे ज्यादा बिकने वाला पान है कल्कत्ती पान उसमे खासियत है नारियल पाउडर हरी इलायची कई मसाले फिर तम्बाकू या गुल्कंध जो ग्राहक की मांग है इनकी खुमारी लोगो में इतनी है की यंहा के टूरिस्ट गाइड अक्सर विदेशी सैलानियों को यंहा लेकर आते है और उन्हें भी पान चखने का मोका देते है।

अगर आप कभी बीकानेर घूमने जाये तो कुछ समय निकाल कर बीकानेर की गलियों में जरुर भ्रमण करे यकीन मानियेगा बीकानेर शहर आपके लिए बेहतरीन दौरों में से एक हो जाएगा हर गली में एक से बढ़ के एक प्रचलित चीजे है हालाँकि है थोड़ी भीड़ इन गलियारों में और हो भी क्यों न एक बेहद खुबसूरत और नरम मिजाज का शहर है बीकानेर।

नोट : ज्यादा पान खाना सेहत के लिए नुकसानदायक है 

साभार : फेसबुक “बीकानेरी रंगत”

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