बीकानेर (राजेश ओझा) गर्मी में वैसे तो लभगग बीकानेर में पानी की किल्लत रहती ही है, लेकिन इस बार पानी की किल्लत को लेकर हर तरफ हाहाकार की स्थिति बनी हुई है।
बीकानेर शहर को बसाने वालों ने आने वाले समय को देखते हुए यहाँ पानी की किल्लत न हो इसलिए कई जल स्त्रोत तैयार किये थे। तालाब, बावड़ियाँ व कुओं का शहर कहलाने वाले बीकानेर शहर की जनता आज प्यासी है। बीकानेर में अगर ये सारे पानी की स्त्रोत काम करना शुरू कर दें तो पानी की दिक्कत नहीं रहेगी।
हालाँकि कहा जा रहा है की यह जल संकट जल्द ही दूर हो जायेगा लेकिन पानी की इतनी तकलीफ के बीच कोटगेट के अन्दर जोशीवाडा स्थित फूलबाई कुआं बीकानेर की जनता के लिए फ़िलहाल पालनहार बना हुआ है। इस कुंए पर दूर-दूर से लोग पानी भरने आ रहे है। नहरबंदी के बीच दिन-रात यह कुआं हजारों लोगों की प्यास बुझा रहा है। मौहल्लेवासी यहाँ पानी भरने आने वाले लोगों की आगे आकर मदद कर रहे है।
जलदाय विभाग के रिटायर्ड कर्मचारी ने हैलो बीकानेर से बात करते हुए बताया की बीकानेर शहर में करीब 20 से अधिक ओपन वेल है जिनमे (1) चौतीना कुवा, (2) नया कुवा (3) जेलवेल (4) सोनगिरि वेल (5) चंदन सागर वेल (6) पंवारसर वेल (7) अलखसागर वेल (8) बख्तावर सागर वेल (9) फूलबाई वेल (10) जस्सोलाइ वेल-घेरू लाल (11) रघुनाथसर वेल (12) मोहता वेल-जससुसर गेट (13) डागा वेल (14) भीनासर व गंगाशहर आदि में करीब में भी कई प्राचीन कुए है जिसमें से अधिकांश बंद पड़े है।
फिर भी इस शहर के लोग पानी के लिए प्यासे रहते है, दर-दर पानी के घूमते रहते है, ज्यादा पैसे देकर पानी के टेंकर मंगवाते है। आपको ये भी बता दें की बीकानेर पश्चिम के विधायक व राजस्थान सरकार में वर्तमान शिक्षा मंत्री डॉ बुलाकी दास कल्ला के पास इससे पहले जलदाय विभाग था।