कोलायत (धर्मेश पुष्करणा)। ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच आम-जन तक हो, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग, पंचायत व संस्था द्वारा आपसी समन्वयन से कार्य करने की ज़रुरत है ” ये विचार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी देवेन्द्र चौधरी ने उरमूल सीमांत समिति एवं प्लान इण्डिया द्वारा पंचायत समिति कोलायत सभागार में शुक्रवार को आयोजित ब्लॉक स्तरीय स्वास्थ्य संवाद कार्यशाला में व्यक्त किये।
उन्होंने बच्चों के शत प्रतिशत टीकाकरण, संस्थागत प्रसव व कुपोषण की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग कार्यरत हैं लेकिन स्टाफ की जहाँ कमी है, वहाँ के लिए अतिशीघ्र प्रयास करेंगे. सीमावर्ती गाँव डण्डकला के निंबसिंह ने गाँव में गत 9 वर्ष से स्वास्थ्य सेवाओं में अनियमितताओं की वस्तुस्थिति के बारे में जानकारी दी। इसी प्रकार सुरजड़ा, गड़ियाला, कोलासर पश्चिम, सियाणा, नोखड़ा व अन्य गांवों के लोगों ने मिलकर स्वास्थ्य सेवाओं के दुरुस्तिकरण के लिए अपने विचार रखे. ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल वर्मा ने गांवों की स्वास्थ्य सुविधाओं की वस्तुस्थिति के बारे में बताते हुये कहा कि रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए विभाग प्रयासरत है।
हम सब मिलकर गांवों की स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त कर पायेंगे. डॉ. वर्मा ने स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों से कोलायत तहसील को मलेरिया मुक्त किये जाने के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कार्यशालाओं में आये ग्रामीणों से आव्हान किया कि गांवों में किसी भी विभागीय भवन की सुरक्षा व सेवाओं में सहयोग करें. बाल विकास परियोजना अधिकारी रामप्रसाद हर्ष ने आँगनबाड़ी केन्द्रों पर स्वास्थ्य विभाग के समन्वयन से किये जा रहे प्रयासों के बारे में बताया. संस्था की स्वास्थ्य कार्यक्रम समन्वयक निशा चौहान ने कोलायत ब्लॉक में आयोजित किये गये स्वास्थ्य संवादों के दौरान पाये गए गेप्स के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
संस्था सचिव हरबंस सिंह ने आपसी समन्वयन से गांव के प्रत्येक व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच के लिए मिलकर काम करने का विश्वास दिलाया। संवाद कार्यक्रम मे महिला पर्यवेक्षकों, स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं, किशोर मंचों के सदस्यों, जन प्रतिनिधियों व संस्था के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।