बीकानेर। कलाकार चाहे कोई भी हो और चाहे किसी भी फिल्ड का हो जब हम उसके काम को देखेते, सुनते या महसूस करते है तो हो सकता की हम यह समझ पाए की कलाकार आखिर क्या समझाना चाह रहा है। सामान्यतया जब हम एक तस्वीर को देखते है तो हम उस कलाकार के काम को देखते है या फिर उसके रंगों को देखते है लेकिन जब हम कलाकार द्वरा बनाई गई तस्वीर का अर्थ समझ जायेंगे तब आपको तस्वीर शायद और सुंदर नज़र आये । फोटो : राहुल व्यास
बीजेएस रामपुरिया जैन कॉलेज, दाऊजी रोड बीकानेर के ललित कला संकाय में चार दिवसीय कला प्रदर्शनी का आयोजन 15 जून से 18 जून तक किया गया । यह कॉलेज संभाग का एकमात्र ललित कला का विषय संचालित करता है । यह प्रदर्शनी ललित कला संकाय की दसवीं प्रदर्शनी है, इस प्रदर्शनी का उद्देश्य बीकानेर के लोगों को यहां के छात्रों की कला से अवगत कराना है।
संकाय प्रमुख अनिकेत कच्छावा बताया कि इस प्रदर्शनी में जो कार्य प्रदर्शित किया जाता है वह यहां के छात्रों का वर्षभर किया गया पाठ्यक्रम के अनुसार कार्य है और कुछ कार्य ऐसे भी हैं जो पाठ्यक्रम से बाहर भी करवाए जाते हैं ताकि छात्र किसी भी तकनीक या विद्या विद्या से वंचित ना रह पाए। इस कार्य में अनिकेत जी का सहयोग शंकर राय और धीरेंद्रराज सिंह शेखावत कर रहे हैं। 2003 में ललित कला का विषय इस विद्यालय में शुरू किया गया था आज यह विषय अपनी प्रोढता को प्राप्त हो चुका है ।
यहां से पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्र बड़े-बड़े कला महाविद्यालय में प्रवेश प्राप्त कर रहे हैं कुछ छात्र एनीमेशन और बी.एफ. एक्स. के क्षेत्र में प्रसिद्धि प्राप्त कर चुके हैं कुछ छात्र कला महाविद्यालयों में शिक्षकों के पद पर आसीन हैं. जो इस महाविद्यालय की सफलता को इंगित करता है । इस संकाय में व्यवसायिक कला और और चित्रकला का विषय है। यहां स्टिल लाइफ, मिनिएचर, 2D , फोटोग्राफी , क्ले मॉडलिंग , कैलीग्राफी , लोगो डिजाइन, संयोजन, प्रिंट मेकिंग , मूर्तिकला , पोस्टर मेकिंग, पोर्ट्रेट , लाइफ स्टडी, इलस्ट्रेशंस व विभिन्न कला मध्यमा जिसे जैसे ऑयल, ऐक्रेलिक, वाटर, पेंसिल, चारकॉल, पेस्टल, इंक कलरआदि का अध्ययन करवाया जाता है।
प्रदर्शनी में छात्रों के कार्य लोगों द्वारा खरीदे जाते हैं जिससे इन छात्रों का मनोबल बना रहता है। पहली बार छात्रों द्वारा इस प्रदर्शनी में स्टॉल लगाई गई है जिसमें उनके द्वारा बनाई गई आर्ट एंड क्राफ्ट की वस्तुएं, नेल आर्ट, लाइव पोट्रेट स्केच और टैटू आर्ट का स्टॉल का स्टॉल लगाया गया। कॉलेज परिसर में लगाए गए पेड़ों को भी कला के रंग में रंग दिया गया है , साथ ही डिपार्टमेंट की दीवारों को भी छात्रों ने अपने म्यूरल आर्ट से बहुत ही सुंदर बना दिया है इससे दीवारों की नीरसता समाप्त हो गई है, सीढियों पर मछलियां बनाकर सजीव सा रूप के दिया है दिया है , डिपार्टमेंट के मुख्य द्वार पर स्वर्णिम डिजाइन बनाकर इसे स्वर्ण द्वार का रूप दिया गया है।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.श्री पंकज जैन और संस्था के संस्था के मानद सचिव श्री सुनील रामपुरिया का पूरा सहयोग इस संकाय के साथ है, वह खुद भी चाहते हैं कि यह संकाय और यहां के व्याख्याता कला में नित नए प्रयोग करें , इसके लिए है किसी भी सहयोग से पीछे नहीं हटते शायद इसी कारणवश यह संकाय इतनी उन्नति कर रहा है।