सिरसा । पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के पुत्र अंशुल छत्रपति ने कहा कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को पंचकुला की सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा साध्वी यौन शोषण मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद प्रदेश में डेरा समर्थकों द्वारा मचाए गए उत्पात के तुरंत बाद सरकार द्वारा डेरा की जांच की जाती तो बहुत सा आपत्तिजनक सामान बरामद हो सकता था।
अंशुल ने आज यहां अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार द्वारा डेरा को दी गई ढील के दौरान काफी आपत्तिजनक सामान बाहर कर दिया गया। उन्होंने कहा कि तलाशी अभियान डेरामुखी के खिलाफ फैसला आने के तुरंत बाद चलाया जाना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं होने के कारण तलाशी अभियान के दौरान जो आपत्तिजनक सामान
सामने आना चाहिए था वो नहीं आया।
अंशुल के मुताबिक डेरा समर्थकों ने सरकार द्वारा दी गई ढील का फायदा उठाते हुए डेरा में मौजूद सबूत जलाकर नष्ट कर दिए। उन्होंने कहा कि वह कोर्ट कमिश्रर द्वारा चलाए गए अभियान का स्वागत करते हैं। साथ ही कहा कि जो सबूत नष्ट किए गए हैं उसमें अपनी जांच का दायरा बढ़ाए तो अब भी डेरा में बहुत कुछ मिल सकता है।
अंशुल ने कहा कि डेरा मुखी ने पिछले 27 सालों में जो साम्राज्य खड़ा किया था उसकी पूर्ण रुप से जांच होनी चाहिए। उन्होंने डेरा द्वारा फिल्में बनाकर कालेधन को सफेद करने पर कहा कि इस खेल का मास्टर मांइड कौन है इसकी भी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि डेरा से अभी भी सबूत आने बाकी है। डेरा के राजदारों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जाए तो बहुत से राज सामने आ सकते हैं।