मनोज सिन्हा ने घोषणा की कि भारतीय दूरसंचार उद्योग दिसम्बर 2019 तक देश में एक मिलियन वाई-फाई हॉट स्पॉट शुरू करेगा, जो देश के डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। दूरसंचार सेवा प्रदाताओं, इंटरनेट सेवा प्रदाताओं और वर्चुअल नेटवर्क ऑपरेटरों के स्वामित्व एवं परिचालन वाले एक मिलियन वाई-फाई हॉट स्पॉट के देशव्यापी साझा अंतर-प्रचालनीय प्लेटफॉर्म ‘भारत वाई-फाई’ का शुभारंभ देश भर में किया जाएगा। इस पहल से उपभोक्ताओं की पहुंच किसी भी साझेदार ऑपरेटर के वाई-फाई हॉट स्पॉट तक हो सकेगी।
उद्घाटन समारोह के दौरान राष्ट्रीय आवृत्ति आवंटन योजना 2018 (एनएफएपी) प्रस्तुत की गई जिसमें भारतीय डिजिटल संचार उद्योग की उल्लेखनीय रूपरेखा पेश की गई है। एनएफएपी के तहत वायरलेस एक्सेस सेवाओं और रेडियो लोकल एरिया नेटवर्क (आउटडोर) के लिए 5जीएचजेड बैंड में 605 मेगाहर्ट्ज लाइसेंस मुक्त स्पेक्ट्रम जारी किया गया, ताकि डेटा की बढ़ती मांग (वर्ष 2007 से ही 50 मेगाहर्ट्ज के वर्तमान आंकड़े से आगे) पूरी की जा सके। एनएफएपी के तहत शॉर्ट रेंज डिवाइस (एसआरडी), अल्ट्रा वाइडबैंड डिवाइस (यूडब्ल्यूडी) के लिए 30 से भी अधिक लाइसेंस मुक्त बैंड की पेशकश की गई है जिससे आम जनता को विभिन्न प्रौद्योगिकियों से लाभ उठाने का मौका मिलेगा और इसके साथ ही उद्योग जगत भी घरेलू विनिर्माण परितंत्र विकसित करने में सक्षम साबित होगा।
दूरसंचार क्षेत्र के छोटे एवं मझोले उद्यमियों को बढ़ावा देने वाली एक प्रमुख नीतिगत पहल के तहत दूरसंचार विभाग ने वर्चुअल नेटवर्क ऑपरेटरों (वीएनओ) द्वारा लिये गये संसाधनों के लिए दूरसंचार सेवा प्रदाताओं से भुगतान काटने का निर्णय लिया है जिससे वीएनओ द्वारा देय शुल्क में कमी आयेगी। इससे विभिन्न चरणों में दोहरा कराधान को टाला जा सकेगा।
पहले दिन उद्योग जगत द्वारा अनेक घोषणाएं की गईं और अंतरराष्ट्रीय मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) द्वारा अत्याधुनिक 5जी एप्लीकेशन्स को प्रदर्शित किया गया। लगभग 2000 करोड़ रुपये के निवेश का उल्लेख किया गया और तीन लाख से भी अधिक रोजगारों के सृजित होने की उम्मीद है।
इस अवसर पर मनोज सिन्हा ने कहा कि इंडिया मोबाइल कांग्रेस के दूसरे संस्करण का उद्घाटन हमारे लिए गौरव का पल है। पिछले वर्ष यह आयोजन काफी सफल रहा था और हमें भरोसा है कि आईएमसी 2018 को इससे भी ज्यादा सफलता मिलेगी।